जल्द हो सकती है CWC की मीटिंग, पार्टी की बड़ी सर्जरी करने की तैयारी

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नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की पराजय के प्रति गम्भीर चिंता व्यक्त करते हुए शुक्रवार को कांग्रेस नेतृत्व ने  संकेत दिया है कि जल्द ही वर्किंग कमेटी की बैठक आयोजित की जाएगी और हाल के चुनावों में हार के बारे में चर्चा करेंगे। इसके अलावा पार्टी के महासचिव ने मोदी और राहुल के बीच अंतर बताते हुए कहा कि मोदी के पास गप्पों का उपहार है जो राहुल के पास नहीं है।

पार्टी प्रवक्ता पी सी चाको ने कहा, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक जल्द होने की उम्मीद है और इस दौरान पार्टी के नेता अपना विचार व्यक्त करेंगे। यह घोषणा इस बात का संकेत है कि पार्टी अपने रैंक में लगातार होने वाले गिरावट के प्रति चिंतित है और अब जागरुक हो रही है। कांग्रेस के लगातार होती हार ने भाजपा शासित प्रदेशों की संख्या में फिर से बढ़ोतरी की है।

यह चिंता पार्टी के जनरल सेक्रेटरी दिग्विजय सिंह ने व्यक्त की है जब उन्होंने बड़़ी ‘सर्जरी’ यानि पार्टी में फेरबदल के लिए गंभीर कार्रवाई का आह्वान किया। शुक्रवार को सिंह ने विषय को दोहराया, लेकिन जोर देकर कहा कि “सर्जरी” सोनिया गांधी और राहुल के द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जब मैं सर्जरी की बात करता हूं, तो इसके बारे में सर्जन के द्वारा निर्णय लिया जाएगा।”

सिंह ने ढेर सारे टीवी इंटरव्यू दिए। एक में उन्होंने कहा राहुल के पास प्रधानमंत्री मोदी की तरह गप्प देने जैसा उपहार नहीं है। दूसरे इंटरव्यू में उन्होंने प्रियंका गांधी के राजनीति में आने के सवाल पर उन्हें मुखर और करिश्माई व्यक्तित्व की स्वामी बताया।

राहुल की आलोचना को भी सिंह ने दकियानूसी बताया। उन्होंने कहा, ‘जीत या हार के लिए हरेक व्यक्ति जिम्मेवार है न कि केवल एक।‘ मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि यह समय था जब अनुभवी और पुराने लोगों को युवा नेतृत्व के लिए राह बनाना चाहिए। नई पीढ़ी के लिए समय आ गया है। हम कांग्रेस के साथ भाजपा में मार्गदर्शक मंडल गठित कर सकते हैं।

सिंह ने राहुल का बचाव करते हुए कहा कि पार्टी के उपाध्यक्ष के पास प्रभावी कम्युनिकेशन का गुण नहीं है। उन्होंने कहा, ‘ मोदी व राहुल में अंतर यही है कि राहुल के पास मोदी की तरह उपहार के रूप में ‘गप्पें’ नहीं हैं। सिंह ने आगे कहा, ‘मोदी वाला यह गुण इंदिरा गांधी व जवाहर लाल नेहरू में भी नहीं था, वे दोनों अच्छे वक्ता नही थे लेकिन उनके पास दृष्टि थी जो राहुल में नहीं है, चूंकि राहुल युवा हैं इसलिए इस बात को अभी समझ रहे हैं। “

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