जयंती अंबेडकर की और मालाएं सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर

नई दिल्ली। कल जहाँ देशभर में डा भीमराव अंबेडकर की 126 वीं जयंती के अवसर पर कई शहरो में कार्यक्रमो का आयोजन हुआ वहीँ उत्तर प्रदेश के हरदोई में एक स्कूल में अजीबोगरीब मामला देखने को मिला। यहाँ के शिक्षकों को मालूम ही नहीं कि डा भीमराव आंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस में क्या फर्क है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस स्कूल की तस्वीर में डा भीमराव अंबेडकर की जगह नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर दिखाई दे रही है।

इतना ही नहीं इस तस्वीर पर मालाएं भी पड़ी दिख रही हैं। ज़ाहिर है अंबेडकर जयंती पर श्रद्धांजलि डा भीमराव अंबेडकर को दी गयी लेकिन मालाएं नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर किया गया।

सम्भावना है कि इस स्कूल के शिक्षकों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस का चेहरा डा भीमराव अंबेडकर से मिलता जुलता दिखा होगा। अज्ञानतावश वे अंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर में फर्क नहीं पहचान पाए होंगे।

इस स्कूल में हुई इस घटना से एक बात और साफ़ उजागर हो गयी है कि उत्तर प्रदेश के स्कूलों में अभी भी शिक्षकों को ज्ञान लेने की ज़रूरत है। जिस स्कूल के शिक्षक डा अंबेडकर और सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर में फर्क नहीं पता कर सके, वे शिक्षक बच्चो को किस स्तर की शिक्षा दे रहे होंगे।

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TeamDigital