गोरखपुर दंगा: हाईकोर्ट कर रहा मुकदमा न चलाने की अनुमति की वैधता पर विचार

गोरखपुर दंगा: हाईकोर्ट कर रहा मुकदमा न चलाने की अनुमति की वैधता पर विचार

लखनऊ। वर्ष 2007 में गोरखपुर में हुए सांप्रदायिक दंगो के मामले में हाई कोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने गोरखपुर की स्थानीय अदालत को “भड़काऊ भाषण” मामले में सीबी-सीआईडी द्वारा दायर की गयी क्लोजर रिपोर्ट पर कोई आदेश देने से रोक दिया है।

हाई कोर्ट ने आदेश में कहा है कि जब तक वो मौजूदा याचिका पर सुनवाई पूरी नहीं कर लेता तब तक निचली अदालत गोरखपुर दंगे से जुड़ फाइनल रिपोर्ट पर कोई फैसला न सुनाए क्योंकि हाई कोर्ट मुकदमा न चलाने की अनुमति की वैधता पर विचार कर रहा है।

मामले की अगली सुनवाई सात जुलाई को होनी है। हाई कोर्ट ने रजिस्ट्रार जनरल को आदेश की प्रमाणित प्रति गोरखपुर जिला जज को भेजने के लिए कहा है।

हाई कोर्ट ने ये फैसला 11 मई को दिया था जब योगी आदित्य नाथ सरकार ने अदालत में जमा हलफनामे में बताया था कि राज्य सरकार ने इस मामले में सीएम योगी और अन्य अभियुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।

गौरतलब है कि सामाजिक कार्यकर्ता परवेज परवाज और वकील असद हयात द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने इस बात का भी संज्ञान लिया कि मुख्य सचिव ने अदालत को बताया कि तीन मई को प्रधान सचिव (गृह) ने मुकदमा चलाए जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था जबकि यूपी सरकार के वीकल विमलेंदु त्रिपाठी ने चार मई को अदालत को इसके बारे में जानकारी नहीं दी थी।

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TeamDigital