गुंडों माफियाओं को अभी से सता रहा है बहिनजी का भय
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लखनऊ । उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनावों में ऊंट किस करवट बैठेगा इसका अभी कोई पूर्वानुमान लगाना बेहद मुश्किल है लेकिन प्रदेश के माफियाओं और गुंडों में छिपने छिपाने की जो होड़ मची है उसे देखकर लगता है जैसे उन्होंने पहले ही मान लिया कि प्रदेश से समाजवादी पार्टी की सरकार की विदाई और बहुजन समाज पार्टी का सत्ता में आना तय हो चुका है ।
अखिलेश सरकार के तमाम दावों के पलट प्रदेश में अपराध थमने का नाम नहीं ले रहे । समाजवादी पार्टी के शासनकाल में हुई यदि छोटी घटनाओं को नज़र अंदाज़ कर दिया जाए तो भी मुजफ्फरनगर दंगे, दादरी काण्ड, पुलिस अधिकारीयों पर हमले और उनकी हत्याएं अपने आप में प्रदेश की कानून व्यवस्था का हाल बयान करने के लिए काफी हैं ।
वहीं उत्तर प्रदेश में आने वाले चुनावों की दस्तक को ध्यान में रखकर फूंक फूंक कर कदम उठा रही प्रदेश की अखिलेश सरकार अपनी ही पार्टी में घुसपैठ बनाए बैठे माफियाओं से परेशान है । यही कारण है कि पार्टी आलाकमान को पार्टी से जुड़े कई नेताओं को बाहर का रास्ता दिखना पड़ा ।
फिलहाल यह देखा जा रहा है कि आने वाले चुनावो में बहुजन समाज पार्टी के आने की सुगबुगाहट के चलते माफियाओं ने सुरक्षित स्थानों का तलाश करना शुरू कर दिया है । प्रदेश में तेजी से बदलते राजनैतिक घटनाक्रमों के तहत यह माना जा रहा है कि कांग्रेस और बसपा में कोई खिचड़ी ज़रूर पक रही है और सम्भावना है कि आगामी विधानसभा चुनाबो में दौनो पार्टी मिलकर चुनाव लड़ें ।