कौन क्या खाए और क्या नहीं, ये तय करने का अधिकार बीजेपी को नहीं : ममता

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के खिलाफ अलीगढ़ में बीजेपी के यूथ विंग के नेता द्वारा सिर काट कर लाने पर 11 लाख रुपए के इनाम की घोषणा पर ममता बनर्जी ने बीजेपी का नाम लिए बिना कहा, ‘मुझे कई तरीकों से अपशब्द कहे जाते हैं लेकिन मैं इस पर ध्यान नहीं देती। ये मेरे लिए आशीष की तरह है। जितना वो मुझे गालियां देंगे, उतना ही ज्यादा हम समृद्ध होंगे।’

ममता ने कहा, ‘मैं सिर्फ सर्वशक्तिमान से प्रार्थना ही कर सकती हूं कि उन्हें क्षमा कर दें, वो नहीं जानते कि क्या कर रहे हैं। उन्हें किसी तरह की तवज्जो देने की जगह अनदेखा करना चाहिए।’ ममता ने आगाह किया कि राजनीति में बुनियादी गरिमा बनाए रखनी चाहिए। मुर्शिदाबाद में एक प्रशासनिक बैठक में तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने कहा कि राजनीति संस्कृति, गरिमा और मानवता के बारे में ही सब कुछ है।

बंगाल में रामनवमी और हनुमान जयंती के आयोजनों को लेकर छिड़ी बहस के बीच ममता ने बीजेपी पर निशाना साधने में कोई कसर नहीं छोड़ी। ममता ने कहा, ‘अगर वो सवाल करते हैं कि मैं दरगाह या मंदिर क्यों जाती हूं तो मैं हजार बार वहां जाऊंगी। वो हैं कौन मुझ से सवाल करने वाले।’

ऐसे वक्त में जब राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पूरे देश में गोवध पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है, तब ममता ने बीजेपी को चेताया कि कौन क्या खाए और क्या नहीं, ये तय करने का अधिकार उसे नहीं है।

ममता ने कहा, ‘क्या ये वो तय करेंगे कि लोग क्या खाएंगे. क्या आदिवासी और ईसाई इस तरह का मीट (बीफ) नहीं खाते। यहां तक कि कुछ हिंदू भी ये खाते हैं। सिर्फ इसलिए एक राजनीतिक दल सत्ता में है तो उसे ऐसी चीजें तय करने का अधिकार नहीं मिल जाता।’

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