कांग्रेस को त्यागना होगा कॉरपोरेट कल्चर, यूपी बचाना है तो मधुसूदन मिस्त्री को हटाएं – जुनेद क़ाज़ी

Juned Qazi
Juned Qazi

न्यूयॉर्क । इंडियन नेशनल ओवरसीज कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और यूथ कोलिशन ऑफ इंडिया के फाउंडर चेयरमैन जुनेद क़ाज़ी ने 5 राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों के परिणाम पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह के बयान का समर्थन किया है कि कांग्रेस को एक सीरियस सर्जरी की आवश्यकता है । जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि कांग्रेस को कॉर्पोरेट कल्चर समाप्त करना होगा ।

मीडिया को जारी एक बयान में जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि अभी भी समय है यदि कांग्रेस चाहे तो 2017 में अच्छा परफॉर्म कर सकती है लेकिन उसे उन चेहरों को आगे लाना होगा तो ज़मीन से जुड़े हैं । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश को बचाने के लिए आवश्यक है कि वहां से मधुसूदन मिस्त्री को वापस बुला लिया जाए । उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के पास प्रमोद तिवारी व रीता बहुगुणा जैसे ज़मीनी नेता मौजूद हैं जिनकी छवि एकदम साफ़ सुथरी है और वे नेत्रत्व् देने में सक्षम हैं ।

उन्होंने कहा कि मधुसूदन मिस्त्री जैसे लोगों का यूपी जैसे बड़े राज्य का प्रभारी बनाने का मतलब पराजय को आमंत्रित करना है । क़ाज़ी ने कहा कि यदि कांग्रेस कॉर्पोरेट कल्चर छोड़ दे तो उसे किसी प्रशांत किशोर की आवश्यकता नहीं पड़ेगी ।

जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने जिस रणनीति से काम किया उससे साफ़ ज़ाहिर है कि कांग्रेस हाईकमान ने चुनावों को गम्भीरता से नहीं लिया । उन्होंने कहा कि असम में गठबंधन करके सेकुलर मतों का विभाजन रोका जा सकता था । उन्होंने कहा कि प बंगाल में भी कांग्रेस गठबंधन की राजनीति को अंजाम तक नहीं पहुंचा सकी ।

जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि कांग्रेस को चाहिए कि संघ की मानसिकता वाले कांग्रेस नेताओं को हाशिये पर रखे और उन्हें कोई ज़िम्मेदारी न दे । उन्होंने कहा कि अगर ज़मीनी कार्यकर्ताओं को तरजीह दी गई तभी कांग्रेस वापस पुरानी स्थति में आ सकती है । उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अंदर प्रशांत किशोर से भी ज़्यादा कुशल रणनीतिकार मौजूद हैं लेकिन कांग्रेस के रिवाज़ के हिसाब से उन्हें इसलिए मौका नहीं दिया गया क्यों कि वे चमचागीरी करने में यकीन नहीं रखते ।

जुनेद क़ाज़ी ने कहा कि कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया और सचिन पायलट जैसे युवा और जुझारू नेता मौजूद हैं । हाईकमान को चाहिए कि ऐसे नेताओं को बड़ी ज़िम्मेदारियाँ देकर पार्टी के युवा नेत्रत्व को जनता के समक्ष पेश करे ।

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