उमा से छीना जा सकता है मंत्रिपद, आडवाणी के राष्ट्रपति बनने की अटकलों पर लगा विराम

नई दिल्ली। बाबरी मस्जिद विधवंस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री उमा भारती पर आपराधिक साजिश का केस चलाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब विपक्षी दल आडवाणी, जोशी और उमा भारती पर संसद की सदस्यता छोड़ने की मांग कर सकते है।

उमा भारती के पास जल संसाधन मंत्रालय की कमान है। वहीं, आडवाणी फिलहाल गुजरात के गांधीनगर लोकसभा सीट से और मुरली मनोहर जोशी उत्तर प्रदेश के कानपुर और उमा भारती झांसी से सांसद हैं। राजस्थान के राज्यपाल होने के कारण कल्याण सिंह को संवैधानिक छूट प्राप्त है और उनके कायार्लय छोड़ने के बाद ही उनके खिलाफ मामला चलाया जा सकता है।

दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में आडवाणी को अगला राष्ट्रपति बनाए जाने की जो अटकलें चल रही थीं, अब उस पर भी विराम लग सकता है। कांग्रेस नेता शकील अहमद ने कहा कि उनको उम्मीद है कि दोषियों को सजा मिलेगी और पीडि़तों को न्याय मिलेगा। राजद प्रमुख लालू यादव ने कहा कि जिन लोगों ने मस्जिद गिराया है उनको सजा मिलनी चाहिए। दो साल के अंदर इस मामले की जांच पूरी की जानी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में सीबीआई की याचिका मंजूर करते हुए लखनऊ में आडवाणी, जोशी, उमा भारती एवं अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों की संयुक्त सुनवाई का आदेश दिया है।

कोर्ट ने लखनऊ की अदालत को इन मामलों पर स्थगन की मंजूरी दिए बिना दैनिक आधार पर सुनवाई करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि इस केस की सुनवाई कर रही निचली अदालत के न्यायाधीश को निर्णय दिए जाने तक स्थानांतरित नहीं किया जाएगा। साथ ही लखनऊ की अदालत को चार सप्ताह में कार्यवाही शुरू करने और यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि नए सिरे से कोई सुनवाई नहीं होगी।

गौरतलब है कि आडवाणी सहित अन्य नेताओं पर रायबरेली की अदालत में भीड़ को उकसाने का मामला चल रहा है जबकि लखनऊ की विशेष अदालत में कार सेवकों पर षडयंत्र और विवादित ढांचे को ढहाने का मुकदमा चल रहा है।

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