अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय तो तीन तलाक मुस्लिमो की आस्था

अगर राम का अयोध्या में जन्म होना आस्था का विषय तो तीन तलाक मुस्लिमो की आस्था

नई दिल्ली। तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही नियमित सुनवाई के दौरान आज ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर राम का अयोध्या में जन्म होना, आस्था का विषय हो सकता है तो तीन तलाक का मुद्दा क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि तीन तलाक भी मुस्लिमो में पिछले 1400 साल से जारी है।

कपिल सिब्बल ने कहा कि इस्लाम धर्म ने महिलाओं को काफी पहले ही अधिकार दिये हुए हैं। परिवार और पर्सनल लॉ संविधान के तहत हैं, यह व्यक्तिगत आस्था का विषय है। जस्टिस कुरियन जोसेफ ने जब कपिल सिब्बल से पूछा कि क्या कोई ई-तलाक जैसी भी चीज है।

आपको बता दें कि ट्रिपल तलाक को लेकर 11 मई से सुनवाई चल रही है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह समय की कमी के कारण सिर्फ तीन तलाक के मुद्दे पर ही सुनवाई करेगी। हालांकि कोर्ट ने कहा कि बहुविवाह और निकाह हलाला के मुद्दे पर भी सुनवाई का रास्ता भविष्य के लिए खुला है। केंद्र सरकार ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि अगर शीर्ष अदालत तीन तलाक सहित तलाक के सभी तरीकों को निरस्तर कर देती है तो मुस्लिम समाज में शादी और तलाक के नियमन के लिए नया कानून लाया जाया जाएगा।

इससे पहले शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम सिर्फ ये समीक्षा करेंगे कि तलाक-ए-बिद्दत यानी एक बार में तीन तलाक और निकाह हलाला इस्लाम धर्म का अभिन्न अंग है या नहीं। कोर्ट इस मुद्दे को इस नजर से भी देखेगा कि क्या तीन तलाक से मुस्लिम महिलाओं के मूलभूत अधिकारों का हनन हो रहा है या नहीं।

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TeamDigital