अखाड़ों में नारी शक्ति की कोई कीमत नहीं होती, सिर्फ शोषण होता है
उज्जैन। महिलाओं के परी अखाड़े के गठन पर श्री गिरनार साधना आश्रम की सहज योगिनी शैलजा देवी ने कहा है कि अखाड़ों में नारी शक्ति की कोई कीमत नहीं होती, सिर्फ शोषण होता है। मैंने भी अखाड़ों के साथ शिविर किए हैं, जिनमें अनुभव कड़वा रहा।
सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर उन्होंने कहा कि मैं परंपराओं को जीवित रखने में यकीन रखती हूं। किसी एक जगह महिलाओं द्वारा तेल न चढ़ाने से या मंदिर में नहीं जाने से कुछ नहीं बिगड़ेगा। स्त्री को अपनी मर्यादा में रहना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि सच्चे संतों की कमी हो गई है। संत जीवन गृहस्थ आश्रम में रहकर भी बिताया जा सकता है। ध्यान में बहुत शक्ति है। ध्यान से सफलता के रास्ते खुलते हैं। श्री गिरनार साधना आश्रम का 21 दिवसीय शिविर दत्त अखाड़ा क्षेत्र में भूखी माता चौक पर 29 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है।
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