आर्थिक मोर्चे पर सरकार को एक और झटका, वर्ल्ड बैंक ने घटाया जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

आर्थिक मोर्चे पर सरकार को एक और झटका, वर्ल्ड बैंक ने घटाया जीडीपी ग्रोथ का अनुमान

नई दिल्ली। आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार को एक और झटका लगा है। विश्व बैंक ने भारत के जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को घटा दिया है। वर्ल्ड बैंक के अनुसार, वित्त वर्ष 2019-2020 में भारत की जीडीपी में बढ़त दर सिर्फ 5 प्रतिशत तक रह सकती है। इससे पहले अक्तूबर माह में विश्व बैंक ने कहा था कि वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भारत के जीडीपी में छह फीसदी की ग्रोथ हो सकती है।

विश्व बैंक के ग्लोबल इकोनॉमिक प्रोस्पेक्ट्स रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों का कर्ज वितरण कमजोर बना हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बांग्लादेश आर्थिक बढ़त दर भारत से कहीं अधिक होगी। बांग्लादेश में इस वित्त वर्ष में जीडीपी में 7 प्रतिशत से ज्यादा की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं, पाकिस्तान की जीडीपी में इस वित्त वर्ष में सिर्फ 3 प्रतिशत की बढ़त हो सकती है।

इससे पहले मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से जीडीपी के पूर्वानुमान के आंकड़े जारी किए गए थे। सरकार के आकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ सिर्फ 5 प्रतिशत रह सकती है। इससे पहले 2018-19 में वास्तविक ग्रोथ 6.8 प्रतिशथ रही थी। वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ 7.2 प्रतिशत थी।

विश्व बैंक के अलावा विश्व की सभी रेटिंग एजेंसियों और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत के जीडीपी अनुमान को काफी घटा दिया है। अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मार्च 2020 में समाप्त हो रहे वित्त वर्ष के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का अनुमान 5.8 फीसदी से घटाकर 4.9 फीसदी कर दिया है।

गौरतलब है कि जुलाई-सितंबर, 2019 की तिमाही के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर घटकर महज 4.5 फीसदी रह गई, जो लगभग साढ़े छह साल का निचला स्तर है। यह लगातार छठी तिमाही है जब जीडीपी में सुस्ती दर्ज की गई है।

वहीँ इससे पहले जनवरी-मार्च, 2013 तिमाही में जीडीपी विकास दर 4.3 फीसदी रही थी, वहीं एक साल पहले की समान अवधि यानी जुलाई-सितंबर, 2018 तिमाही में यह सात फीसदी रही थी। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में विकास दर पांच फीसदी रही थी।

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TeamDigital