देशभर में स्वतंत्रता दिवस की धूम, पढ़िए- पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें
नई दिल्ली। देश के 77वे स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर आज देश की राजधानी दिल्ली सहित कई राज्यों में बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। देश की राजधानी दिल्ली के साथ साथ अन्य राज्यों में भी आज प्रातः राष्ट्रीय ध्वज फहरा कर स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रमों की शुरुआत हुई।
राजधानी दिल्ली में लाल किले पर पीएम नरेंद्र मोदी ने ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में विपक्ष का नाम लिए बिना निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मेरा दृढ़ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तो देश एक विकसित भारत होगा। मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं…लेकिन समय की मांग तीन बुराइयों से लड़ने की है – भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वतंत्रता दिवस पर लखनऊ में अपने आवास पर तिरंगा फहराया। अपने सम्बोधन में योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज हम सब एक नए भारत को देख रहे हैं। हमारे संस्कार हमें सदैव ‘माता, भूमि, पुत्र, हम प्रतिज्ञा’ के साथ जोड़ते रहे हैं। हमने इस धरती को कभी धरती का टुकड़ा नहीं माना बल्कि हमने इसे मां का दर्जा दिया है।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वतंत्रता दिवस पर भोपाल में अपने आवास पर तिरंगा फहराया। हरियाणा: मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज फतेहाबाद में स्वतंत्रता दिवस समारोह में तिरंगा फहराया। वहीँ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर कोलकाता में राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वतंत्रता दिवस पर देहरादून में अपने आवास पर तिरंगा फहराया। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने आज सुबह स्वतंत्रता दिवस पर चेन्नई स्थित राज्य सचिवालय में तिरंगा फहराया।
वहीँ केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 77वें स्वतंत्रता दिवस पर तिरुवनंतपुरम में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने रायपुर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और स्वतंत्रता दिवस समारोह में हिस्सा लिया।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित कार्यक्रम में झंडा फहराया। वहीँ राजद प्रमुख और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने पटना में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इस दौरान बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव भी मौजूद रहे। | भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली स्थित पार्टी मुख्यालय* में तिरंगा फहराया।
पीएम मोदी के भाषण की अहम बातें:
लाल किले की प्राचीर से अपने संबोधन में पीएम मोदी ने विपक्ष को भी लपेटे में ले लिया। उन्होंने जो कुछ कहा वह पूरी तरह से राजनीतिक प्रतीत होता है। पीएम मोदी ने वंशवाद और तुष्टिकरण का भी ज़िक्र किया। पढ़िए उनके भाषण की अहम् बातें।
• “25 साल से देश में चर्चा चल रही थी कि नया संसद भवन बनेगा। यह मोदी है जिसने समय के पहले संसद बनाकर रख दिया। यह एक ऐसी सरकार है जो काम करती है, जो निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करती है। ये नया भारत है। यह एक ऐसा भारत है जो आत्मविश्वास से भरा है…ये भारत ना रुकता है, ना थकता है, ना हांफता है और ना ही हारता है।”
• “वाइब्रेंट बॉर्डर गांव को देश का आखिरी गांव कहा जाता था। हमने वह मानसिकता बदल दी। वह देश का आखिरी गांव नहीं हैं। आप सीमा पर जो देख सकते हैं वह मेरे देश का पहला गांव है…मुझे खुशी है कि इस कार्यक्रम के विशेष अतिथि इन सीमावर्ती गांवों के 600 प्रधान हैं। वे यहां लाल किले पर इस कार्यक्रम का हिस्सा बनने आए हैं।”
• “मेरा दृढ़ विश्वास है कि 2047 में जब देश आजादी के 100 वर्ष मनाएगा तो देश एक विकसित भारत होगा। मैं यह बात अपने देश की क्षमता और उपलब्ध संसाधनों के आधार पर कहता हूं…लेकिन समय की मांग तीन बुराइयों से लड़ने की है – भ्रष्टाचार, वंशवाद और तुष्टिकरण।”
• “अगली बार 15 अगस्त को इसी लाल किले से आपको फिर प्रगति, सफलता, उपलब्धियां बताऊंगा। मेरे प्रियजनो, मैं आपके बीच से निकला हूं, मैं आपके लिए जीता हूं। मुझे सपना आता है, आपके लिए आता है। पसीना बहता हूं तो आपके लिए। इसलिए नहीं कि आपने मुझे दायित्व दिया है, बल्कि इसलिए कि आप मेरे परिवार का हिस्सा हैं।”
• “चलता-चलाता काल चक्र, अमृत काल का भाल चक्र, सबके सपने अपने सपने, पनपे सपने सारे, धीर चले वीर चले, चले युवा हमारे, नीति सही रीति नई, गति सही राह नई, चुनो चुनौती सीना तान, जग में बढ़ाओ देश का नाम।”
• “मैं पिछले 1000 वर्षों की बात इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं देख रहा हूं कि देश के सामने एक बार फिर अवसर है। अभी हम जिस युग में जी रहे हैं इस युग में हम जो करेंगे, जो कदम उठाएंगे और एक के बाद एक जो निर्णय लेंगे, वह स्वर्णिम इतिहास को जन्म देगा।”
• “2014 में जब हम सत्ता में आए तो वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में हम 10वें स्थान पर थे। आज 140 करोड़ भारतीयों के प्रयास से हम वैश्विक आर्थिक व्यवस्था में पांचवें स्थान पर पहुंच गए हैं। यह ऐसे ही नहीं हुआ जब भ्रष्टाचार के राक्षस ने देश को अपनी गिरफ्त में ले लिया था तब हमने इसे रोका और एक मजबूत अर्थव्यवस्था बनाई। हम जल्द ही विश्व की तीन बड़ी इकोनॉमी में से एक होंगे।”