कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक: सोनिया का मोदी सरकार पर प्रहार, मौजूदा हालातो के लिए बताया ज़िम्मेदार
नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर आज कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में संपन्न हुई कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में देश के कई राज्यों में कोरोना की बिगड़ती स्थिति पर चिंता जताई गई।
बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार को टीकाकरण के लिए आयु 25 वर्ष और उससे अधिक करने के साथ जो युवा अस्थमा, एनजाइना, डायबिटीज, किडनी और लीवर जैसी गम्भीर बीमारियों से ग्रसित हैं, की प्राथमिकता पर पुनर्विचार करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारत फिर से आर्थिक गतिविधियों को प्रतिबंधित करेगा जो पहले से ही कमजोर लोगों, गरीबों और दिहाड़ी मजदूरों को प्रभावित कर चुकी हैं। इसलिए मासिक आय सहायता प्रदान करना और प्रत्येक नागरिक के खाते में 6000 रूपये की राशि हस्तांतरित करना अनिवार्य है।
सोनिया गांधी ने कहा कि कोविड -19 को रोकने और इसके इलाज के लिए आवश्यक सभी उपकरणों, दवाओं और रेमडेसिविर जैसी दवाई को भी GST मुक्त किया जाना चाहिए। मेडिकल ऑक्सीजन व अन्य सप्लीमेंट भी 12% GST तक होने चाहिए। ऑक्सीमीटर्स और वेंटिलेटर भी 20% जीएसटी तक होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम इस तथ्य को नजरअंदाज़ नहीं कर सकते कि कोविड-19 की दूसरी लहर ने देश को बुरी तरह प्रभावित किया है। एक वर्ष की तैयारी के बाद भी हम सुरक्षा करने में नाकाम रहे। परिवार टूट गए,आजीविका तबाह हो गई और जीवनभर की बचत भी स्वास्थ्य सेवा पर कम पड़ गयी।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत ने लगभग 6.5 करोड़ कोविड-19 वैक्सीन का निर्यात दूसरे देशों में किया है। हमारे अपने देश में दुनिया में सबसे अधिक संक्रमण दर को ध्यान में रखते हुए, क्या वैक्सीन के निर्यात को रोककर नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जानी चाहिए?
उन्होंने कहा कि हमारे मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री से बात की और समय-समय पर संबंधित मंत्री से राहत के लिए अनुरोध किया है। उनमें से कुछ के पास केवल कुछ दिनों की वैक्सीन है, कोई ऑक्सीजन या वेंटिलेटर नहीं है। इस बात पर सरकार की ओर से भयंकर चुप्पी साध ली गई।
सोनिया गांधी ने कहा कि विपक्ष के रचनात्मक सुझावों को सुनने के बजाय, केंद्रीय मंत्री उन सुझावों को देने के लिए विपक्ष के नेताओं पर हमला करते हैं। यह “मैं बनाम तुम” वाली बहस बचकानी और पूरी तरह अनावश्यक है।
उन्होंने कहा कि चिकित्सा उपकरणों और हॉस्पिटल बेड की कमी की खबरें बेहद चिंताजनक हैं। देश भर से कोविड -19 वैक्सीन की कमी के साथ-साथ देश के विभिन्न हिस्सों में रेमडेसिविर सहित महत्वपूर्ण जीवन रक्षक दवाओं की कमी भी दिखाई दे रही है।