शिवसेना ने कहा, “जब तक केंद्र में मोदी-शाह, तब तक नहीं होगा संघर्ष का अंत”
मुंबई। शिवसेना ने एक बार फिर बीजेपी पर हमला बोला है। पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाही और राज्य के राज्यपाल की भूमिका को लेकर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर करारी चोट की है।
सामना में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तुलना गाज़ा से तथा केंद्र की मोदी सरकार की तुलना इजराइल से की गई है। सामना के संपादकीय में कहा गया है कि इजराइल और गाजा संघर्ष जितना ही तीव्र संघर्ष फिलहाल ममता बनर्जी व केंद्र सरकार के बीच शुरू है। केंद्र में मोदी-शाह हैं, तब तक तो इस संघर्ष का अंत नहीं होगा।
संपादकीय में पश्चिम बंगाल में सीबीआई की कार्रवाही को लेकर कहा गया है कि बंगाल चुनाव में बीजेपी की दयनीय पराजय हुई, परंतु भारतीय जनता पार्टी पराजय स्वीकार करने को तैयार नहीं है तथा केंद्रीय जांच एजेंसियों के मार्फत ममता बनर्जी पर हमले जारी ही रखे हैं। इस पूरे झगड़े में प्रधानमंत्री मोदी का नाम खराब हो रहा है। सोमवार को कोलकाता में जो हुआ, वह देश की प्रतिष्ठा को शोभा नहीं देता है।
वहीँ पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की भूमिका को लेकर संपादकीय में कहा गया है कि राज्यपाल का बर्ताव संविधान से परे है। ऐसे राज्यपाल को गृह मंत्रालय द्वारा तुरंत वापस बुला लिया जाना चाहिए।
वहीँ राज्यपाल जगदीप धनकड़ को लेकर संपादकीय में कहा गया है कि धनकड़ का राजनीतिक व सामाजिक जीवन बहुत ज्यादा उज्ज्वल कभी भी नहीं था। उन्होंने राजनीति में कोई बहुत बड़ा कार्य किया, ऐसा भी नहीं है इसलिए केंद्र ने एक महिला मुख्यमंत्री को प्रताड़ित करके दिखाओ, ऐसी विशेष जिम्मेदारी दी गई होगी, तो राष्ट्रीय महिला आयोग को इस महिला पर अत्याचार को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
सीबीआई द्वारा तृणमूल कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर संपादकीय में कहा गया कि जिन दो मंत्रियों व दो विधायकों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है, वे विधानसभा के सदस्य हैं। उन्हें गिरफ्तार करने के लिए विधानसभा के अध्यक्ष की अनुमति लेने की आवश्यकता होती है। वैसी कोई अनुमति नहीं ली गई. परंतु धनकड़ कहते हैं, ‘सीबीआई को विधायकों के गिरफ्तारी की अनुमति उन्होंने दी है।’