शाहीन बाग़: दिल्ली के उपराज्यपाल से मिले प्रदर्शनकारी, स्कूल बसों के लिए खोलेंगे रास्ता

शाहीन बाग़: दिल्ली के उपराज्यपाल से मिले प्रदर्शनकारी, स्कूल बसों के लिए खोलेंगे रास्ता

नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग़ में पिछले एक महीने से अधिक समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बीच प्रदर्शनकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल से मुलाकात की है।

उपराज्यपाल से मुलाकात में नागरिकता कानून को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन से शाहीन बाग़-कालिंदी कुंज मार्ग बंद होने से आम नागरिको को हो रही दिक्क्तों का मामला भी उठा।

प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधिमंडल ने इस बात पर सहमति जताई कि एम्बुलेंस की तरह स्कूल बसों के लिए भी रास्ता खोला जाएगा। जिससे बच्चो को दिक्कतों का सामना न करना पड़े। हालाँकि प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शन खत्म करने से इंकार करते हुए कहा कि नागिरकता कानून रद्द होने तक शाहीन बाग़ का प्रदर्शन जैसे चल रहा था वैसे ही चलता रहेगा।

प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि उपराज्यपाल ने उनकी मांगों को सकारात्मक ढंग से लिया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि सरकार इस विवादित कानून को वापस ले।

बीजेपी आईटी सेल को भेजा कानूनी नोटिस:

वहीँ नागरिकता कानून के खिलाफ शाहीन बाग़ में मंगलवार को भी प्रदर्शन जारी है। इससे पहले कल शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं ने बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय को अवमानना का नोटिस भेजा। अमित मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में तत्काल माफी मांगने और एक करोड़ रुपये का भुगतान करने की मांग की गई है।

मालवीय को ये नोटिस प्रदर्शनकारियों के कानूनी सलाहकार वकील महमूद पारचा के दफ्तर से भेजा गया है। यह नोटिस दो महिलाओं की ओर से भेजा गया है। इन महिलाओं के नाम हैं- नफीसा बानो (जाक़िर नगर) और शहज़ाद फातमा (शाहीन बाग) हैं।

दोनों महिलाओं का आरोप है कि अमित मालवीय केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी बीजेपी से जुड़ा हैं। इसलिए प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की कोशिश के तहत एक फ़र्ज़ी वीडियो शेयर पर महिलाओं को बदनाम किया गया है।

बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय को भेजे गए कानूनी नोटिस में कहा गया है कि सोशल मीडिया साइट ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया गया जिसे आपने अनुमोदित किया और जो कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स पर चला। इस वीडियो में आरोप लगाया गया है कि प्रदर्शनकारी 500 रुपए से 700 रुपये लेकर प्रदर्शन में शिरकत कर रहे हैं। ऐसे बयान ना सिर्फ झूठे, बल्कि वो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की कोशिश है।

इतना ही नहीं नोटिस में कहा गया है कि बीजेपी आईटी सेल ने जानबूझकर प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ झूठे आरोप लगाये और झूठे आरोप फैलाये, प्रदर्शन में भाग लेने वाली महिलाओं के मकसद पर शंका खड़ी करके आपने (अमित मालवीय ने) और अन्य तत्वों ने न सिर्फ आम जनता के साथ फर्जीवाड़ा किया बल्कि प्रदर्शनकारियों की छवि खराब करने की भी कोशिश की।

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TeamDigital