नागरिकता कानून पर कांग्रेस ने गिनाये पीएम मोदी और शाह के 9 झूठ

नागरिकता कानून पर कांग्रेस ने गिनाये पीएम मोदी और शाह के 9 झूठ

नई दिल्ली। नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर कांग्रेस ने एक बार फिर मोदी सरकार पर हमला बोला है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने आज नागरिकता कानून को लेकर मोदी सरकार की तरफ से आये बयानों को लरकत सरकार को कटघरे में खड़ा किया।

कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के 9 झूठ मीडिया के समक्ष रखे। सिब्बल ने आरोप लगाया कि डिटेंशन सेंटर से लेकर फोर्स के इस्तेमाल तक कई मसलों पर अमित शाह, पीएम मोदी ने झूठ बोला है।

स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि वह ऐसे देश से आते हैं जहां हर धर्म का सम्मान होता है, लेकिन जिनके पास विवेक नहीं है वो उनकी क्या बात करेंगे। अमित शाह कहते हैं कि विपक्ष का कोई नेता मुझसे डिबेट करे, लेकिन मैं देश के पीएम और गृह मंत्री को चुनौती देता हूं कि वो नागरिकता कानून (CAA) और NRC पर मुझसे डिबेट कर लें। इसपर नियम क्या होगा उसे तय कर लिया जाएगा, लेकिन खुलेआम डिबेट होनी चाहिए।

पहला झूठ: CAA भेदभाव नहीं करता है

कपिल सिब्बल बोले कि संविधान में लिखा है कि देश में जो भी पैदा होगा या उसके माता-पिता पैदा होंगे तो उसे भारतीय नागरिकता मिलेगी। इसमें धर्म का कोई आधार नहीं होगा। संविधान में कई आधार पर नागरिकता देने का अधिकार है, जिसमें धर्म आड़े नहीं आता है लेकिन CAA में धर्म के आधार पर नागरिकता मिल रही है।

दूसरा झूठ: CAA का NRC से कुछ लेना देना नहीं है

पूर्व केंद्रीय मंत्री बोले कि मोदी सरकार ने खुद ही माना है कि पहले CAA आएगा, फिर NRC आएगा। खुद गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में इस बात को बोल चुके हैं. ऐसे में ये बात भी झूठ है।

तीसरा झूठ: पीएम मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार में NRC का जिक्र नहीं हुआ

कपिल सिब्बल ने कहा कि इसी सरकार के कार्यकाल में राष्ट्रपति ने अपने संदेश में NRC के लागू करने का जिक्र किया है। ऐसे में प्रधानमंत्री किस तरह ये दावा कर सकते हैं कि अभी तक NRC पर चर्चा नहीं हुई। अमित शाह भी राज्यसभा में ये बातें कह चुके हैं।

चौथा झूठ: NRC अभी तक नोटिफाई नहीं हुआ है

साल 2003 में जब NRC लाया गया तो उसमें इसका जिक्र किया गया है, यानि वाजपेयी सरकार के द्वारा ही NRC को कानून बना दिया गया था।

पांचवां झूठ: NRC अभी शुरू होना बाकी

कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि ऐसा कहना गलत है कि NRC की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। सरकार के मंत्री ने सदन में बयान दिया है कि NRC की प्रक्रिया NPR के तहत अप्रैल 2020 में शुरू हो जाएगी. इसका गैजेट भी जारी हुआ है।

छठा झूठ: NPR का NRC से कोई लेना-देना नहीं

कपिल सिब्बल ने कहा कि गृह मंत्रालय की रिपोर्ट में लिखा है कि NRC (नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर) का पहला स्टेप NPR ही होगा। ऐसे में सरकार इस मसले पर भी गलत बयान दे रही है। NPR के बिना कभी NRC हो ही नहीं सकता है।

सातवां झूठ: किसी भारतीय को डरने की जरूरी नहीं?

कपिल सिब्बल ने असम एनआरसी का हवाला देते हुए कहा कि असम में NRC हुई तो पूर्व राष्ट्रपति के परिवार का नाम भी लिस्ट में नहीं था, करगिल लड़ाई के हीरो का नाम भी लिस्ट में नहीं था। ऐसे में सरकार कैसे कह सकती है कि किसी को डरने की जरूरत नहीं है।

आठवां झूठ: पीएम का कोई डिटेंशन सेंटर ना होना की बात कहना

कांग्रेस नेता ने सवाल उठाया कि सरकार की ओर से ही जानकारी दी गई है कि असम में 6 डिटेंशन सेंटर हैं, जिसमें 988 लोग उसमें रह रहे हैं। इसके अलावा कर्नाटक, महाराष्ट्र में भी जगह दी जा चुकी है।

नौवां झूठ: प्रदर्शन के खिलाफ किसी बल का इस्तेमाल नहीं

सिब्बल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में दर्जनों लोगों की मौत हो गई, ऐसे में कैसे कह सकते हैं कि बल का इस्तेमाल नहीं हुआ है।

गौरतलब है कि नागरिकता कानून में मोदी सरकार द्वारा किये संशोधनों को लेकर कांग्रेस विरोध कर रही है। कांग्रेस सहित विपक्ष का कहना है कि इसमें नागरिकता देने के लिए धर्मो के उल्लेख से यह संविधान के मूल प्रस्तावना के खिलाफ है। वहीँ नागरिकता कानून को लेकर देशभर में पिछले एक महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं।

 

 

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TeamDigital