अब्बाजान पर फंसे सीएम योगी, बिहार में परिवाद दायर
मुज़फ़्फ़रपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब्बाजान वाले अपने बयान पर मुश्किल में फंसते दिखाई दे रहे हैं। योगी आदित्यनाथ के अब्बाजान वाले बयान के खिलाफ कोर्ट में परिवाद दायर किया गया है। इस परिवाद पर अदालत सुनवाई करेगी या नहीं इसका पता 21 सितंबर को चलेगा।
योगी आदित्यनाथ के बयान को लेकर मुज़फ़्फ़रपुर के सामाजिक कार्यकर्त्ता तमन्ना हाश्मी ने सीजेएम की अदालत में परिवाद दाखिल कराया है, जिसमे यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ को आरोपी बनाया है। न्यायालय ने इस परिवाद को स्वीकार करने के बिंदु पर सुनवाई के लिये 21सितंबर की तिथि निर्धारित की है।
परिवाद में कहा गया है कि 12 सितम्बर को विभिन्न न्यूज पोर्टल एवं समाचार पत्रों मे देखा कि आरोपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक समुदाय विशेष को टारगेट कर उसे अपमानित करने का काम किया है। मुख्यमंत्री का यह बयान कि अब्बाजान कहने वाले पहले गरीबों का राशन डकारते थे, उनका इस तरह का व्यान एक समुदाय विशेष को अपमानित करने वाला बयान है।
हाशमी ने अपने परिवाद में कहा है कि इस देश के अंदर सारे अब्बाजान कहने वाले मुसलमान समुदाय के लोग आपने को अपमानित महसूस कर रहे हैं। मै उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के इस तरह के बयान से काफी मर्माहत हुआ हूं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को कुशीनगर में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि 2017 के पहले गरीबों को राशन नहीं मिलता था क्योंकि तब ‘अब्बाजान’ कहने वाले ही राशन हजम कर जाते थे।
विपक्ष ने सीएम योगी के बयान पर किया पलटवार:
योगी आदित्यनाथ के बयान की विपक्ष के कई नेताओं ने तीखी आलोचना की थी। समाजवादी पार्टी ने सीएम योगी के बयान पर कहा कि योगी अपने साढ़े चार साल का काम नहीं गिना पा रहे हैं तो जनता का ध्यान भटकाने के लिए इधर-उधर की बातें कर रहे हैं।
सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने पलटवार में कहा कि कोरोना के दौरान हमने देखा है कि कैसे मां गंगा में लोगों की लाशें बहती दिखीं और कोई सुध लेने वाला नहीं था। उन्होंने कहा कि योगी ने 2017 के पहले की बात कही लेकिन 200 साल पहले भी ऐसा कभी नहीं हुआ कि गंगा में सैंकड़ों लाशें बहती दिख रहीं थी। योगी साहब आप कौन से जान हैं? आपके कौन से अब्बाजान हैं और कौन से भाईजान हैं?
उन्होंने कहा कि यह पूरे देश को पता है। पीएम ने उन्हें हटाने की कोशिश की, लेकिन संघ की वजह से हटा नहीं पाए। जिस सरकार में हाथरस जैसी घटना हो जाए, सरकार को एक क्षण भी शासन में रहने का हक नहीं है।
वहीँ नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी योगी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा यह कहा है कि भाजपा का कोई चुनावी एजेंडा नहीं है सिवाय मुसलमानों के खिलाफ सांप्रदायिकता और नफरत फैलाने के। यहां एक सीएम का बयान जो सामने आया है उसमें उन्होंने दावा किया गया है कि मुसलमानों ने हिंदुओं के लिए सभी राशन खा लिए हैं।