शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में लगे ‘देश बांटना बंद करो’ के नारे

शीतकालीन सत्र के पहले दिन संसद में लगे ‘देश बांटना बंद करो’ के नारे

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन संसद में नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला की रिहाई की मांग को लेकर विरोध हुआ। विपक्षी सांसदों ने नवगठित केंद्रशासित प्रदेश में हिरासत में लिए गए नेताओं के अलावा, अब्दुल्ला की रिहाई की मांग की।

इस दौरान कांग्रेस सदस्य प्रधानमंत्री से जवाब की मांग करते हुए नारे लगाने के बाद स्पीकर के मंच के पास पहुंचे और ‘देश को बांटना बंद करो’ के नारे लगाने लगे। कांग्रेस के साथ नेशनल कॉन्फ्रेंस, नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी और द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के नेता भी नारेबाजी में शामिल थे।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने कश्मीर में ‘अस्थिरता’ और फारूक सहित महबूबा मुफ्ती, उमर अब्दुल्ला और अन्य लोगों की नजरबंदी का मुद्दा जोर-शोर से उठाया। भारतीय जनता पार्टी की पूर्व सहयोगी शिवसेना के सदस्यों ने भी महाराष्ट्र के किसानो के मुद्दे पर नारेबाजी की।

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने जब तेलुगु देशम पार्टी के सांसद के. श्रीनिवास को प्रश्नकाल के दौरान पहला सवाल करने के लिए आमंत्रित ‌किया तभी सांसदों की नारेबाजी तेज हो गई।

संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने विपक्षी सांसदों से अपील की है कि वे प्रश्नकाल को सुचारु रूप से चलने दें। उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार शून्यकाल में सभी मुद्दों पर चर्चा करने के लिए तैयार है।

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TeamDigital