टीएमसी छोड़कर बीजेपी में गए इन नेताओं को जनता से सिखाया सबक
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले दलबदल करने वाले नेताओं को जनता से करारा सबक दिया है। विधानसभा चुनाव पहले करीब 30 नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस छोड़ने का एलान करते हुए बीजेपी का दामन थामा था, इनमे 17 विधायक भी शामिल थे।
चुनावी नतीजों पर एक नज़र डाली जाए तो पता चलता हैं कि तृणमूल छोड़कर बीजेपी के टिकिट पर चुनाव लड़ने वाले नेताओं को जनता ने करारा जबाव दिया है। वहीँ चुनाव में बीजेपी के कई कद्दावर नेताओं को भी हार का सामना करना पड़ा है। इनमे केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो भी शामिल हैं।
वहीँ विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए 30 नेताओं में से 13 विधायक सहित 19 चुनाव हार गए हैं। शेष उम्मीदवार भी बिलकुल मार्जिन पर ही चुनाव जीत पाए हैं। तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए शुभेंदु अधिकारी मात्र 1957 वोटों से ही चुनाव जीते हैं।
तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के टिकिट पर चुनाव लडे नेताओं में दोमजुर सीट पर राजीव बनर्जी को 42620 वोटों से करारी हार का सामना करना पड़ा। वहीँ खड़दह सीट पर तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी के टिकिट पर चुनाव लड़ने वाले शिलभद्र दत्ता की 28140 वोटों से हार हुई।
इतना ही नहीं बाली सीट पर वैशाली डालमियां 6237 वोटों से और सिंगुर सीट पर रवीन्द्रनाथ भट्टाचार्य 25923 वोटों से, कलना सीट पर विश्वजीत कुंडू 7478 वोटों से, डायमंड हार्बर सीट पर दीपक हलधर 16996 वोटों से, जगतदल सीट पर अरिंदम भट्टाचर्य 18364 वोटों से चुनाव में पराजित हुए हैं।
तृणमूल कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में गए नेताओं की हार का सिलसिला यहीं नहीं थमा। बिधाननगर सीट पर सब्यसाची दत्ता भी 7997 वोटों से चुनाव हार गए हैं। चुनावी नतीजे बताते हैं कि मतदाताओं ने दलबदल कर चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को बुरी तरह ख़ारिज कर दिया है।