लखीमपुर खीरी कांड: स्टेटस रिपोर्ट में देरी पर सुप्रीमकोर्ट की यूपी सरकार को कड़ी फटकार

नई दिल्ली। लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने में देरी को देश की सर्वोच्च अदालत ने आज उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार सुनाई।
सुप्रीमकोर्ट ने अपनी टिप्पणी में यूपी सरकार से कहा कि आप इस मामले में अपने पैर पीछे खींच रहे हैं। इतना ही नहीं सुप्रीमकोर्ट ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि हमने कल रात तक इंतजार किया, लेकिन रिपोर्ट दाखिल नहीं हुआ।
वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत को बताया कि रिपोर्ट दाखिल कर दिया गया है। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष मामले में शेष गवाहों के बयान दर्ज करने को कहा। इस पर राज्य सरकार ने कोर्ट को बताया कि 44 गवाहों में से चार के द्वारा दिए गए बयान न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा दर्ज किया गया।
मुख्य न्यायाधीश, जस्टिस एन वी रमना ने सवाल किया है कि , ‘अगर आप सुनवाई से कुछ मिनट पहले दाखिल करेंगे तो हम रिपोर्ट को कैसे पढ़ सकते हैं? हम उम्मीद करते हैं कि यह सुनवाई से कम से कम एक दिन पहले दाखिल की जाएगी। हमने कभी नहीं कहा कि इसे एक सीलबंद कवर में होना चाहिए। कल हमने 1 बजे तड़के तक इंतजार किया। यह क्या है……’ अब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से अगले हफ्ते तक एक ताजा स्टैटस रिपोर्ट देने को कहा है।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा, ‘आप कहते हैं कि आपने 44 गवाहों की जांच की है। 4 गवाहों का बयान 164 के तहत के हुआ है। बाकी ने अपना बयान क्यों नहीं दर्ज करवाया है? ‘ सीजेआई ने यह भी पूछा कि इस मामले में अबतक कितनी गिरफ्तारियां हुई हैं।
गौरतलब है कि लखीमपुर खीरी में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा में 4 किसानो सहित कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा सहित कुल चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है।