फिर खुलेगा जस्टिस लोया केस, महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने दिया बड़ा बयान
मुंबई। जस्टिस लोया की संदिग्ध मौत के मामले में फिर से जांच शुरू हो सकती है। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने इस मामले में बड़ा बयान दिया है। देशमुख ने कहा कि सरकार के पास 2014 में सीबीआई के विशेष न्यायाधीश बीएच लोया की मौत की जांच दोबारा कराने का अभी विकल्प खुला है।
अमित देशमुख ने कहा कि इस मामले को फिर से खोलने की मांग को लेकर कुछ लोग मुझसे मिले हैं। यदि राज्य सरकार को पर्याप्त सबूतों के साथ शिकायत मिलती है तो उनकी सरकार लोया की संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु की जांच पर विचार करेगी।
जब गृहमंत्री देशमुख से पूछा गया कि क्या लोया के परिवार वाले फिर से जांच के लिए मिले थे ? तो उन्होंने कहा कि वे उन लोगों की पहचान उजागर करना नहीं चाहते हैं।
क्या है पूरा मामला:
गौरतलब है कि जस्टिस लोया बहुचर्चित सोहराबुद्दीन शेख मामले की सुनवाई कर रहे थे। इस मामले से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का नाम भी जुड़ा था। लोया के निधन के बाद इस मामले को दूसरे जज के पास ट्रांसफर कर दिया गया था। बाद में अमित शाह को सभी आरोपों से बरी कर दिया गया था।
दिसंबर, 2014 में जस्टिस लोया की नागपुर में सदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। मालूम हो कि मामले को प्रभावित करने के आरोप के बाद सोहराबुद्दीन शेख मुठभेड़ मामले को महाराष्ट्र स्थानांतरित कर दिया गया था।
जस्टिस लोया की मौत को संदिग्ध मानते हुए एसआईटी जांच की मांग कई याचिकाएं भी सुप्रीमकोर्ट में दायर की गयीं थीं। इस मामले में विपक्ष ने 9 फरवरी 2018 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात कर एसआईटी से जांच कराये जाने की मांग की थी। इस मामले में पंद्रह दलों के 114 सांसदों ने हस्ताक्षर कर राष्ट्रपति को ज्ञापन भी दिया था। ज्ञापन में कहा गया है कि जज लोया के साथ ही दो और जजों की संदिग्ध स्थिति में मौत हुई है। इसलिए इसकी एसआईटी से जाँच कराई जाए।
बॉम्बे हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज का दावा: जस्टिस लोया की हुई थी हत्या, अगला नंबर मेरा:
जस्टिस लोया की मौत को उनकी ह्त्या बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस पाटील ने दावा किया था कि अब उनकी भी ह्त्या हो सकती है।
जस्टिस पाटील ने कहा था कि सोहराबुद्दीन शेख फर्जी मुठभेड़ की सुनवाई करने वाले जज बीएस लोया की संदिग्ध हालातों में मौत हो गई। लोया के अलावा उनके दो राजदारों एडवोकेट श्रीकांत खंडालकर और रिटायर्ड जज प्रकाश थोम्बरे की भी हत्या की गई है।
बॉम्बे हाईकोर्ट के पूर्व जज ‘अलायंस फॉर जस्टिस एंड पीस’ द्वारा कराए गए ‘जज कन्वेंशन’ में बोलते हुए दावा किया कि वो कोई हादसा नहीं था। इसलिए अगला नंबर उनका है। उन्होंने कहा कि वह अन्याय के खिलाफ सच कहने से फिर भी पीछे नहीं हटेंगे। सच कहने से कभी नहीं डरेंगे।