पुलिस ज़ुल्म की निष्पक्ष जांच के लिए जामिया के छात्रों ने की सांकेतिक भूख हड़ताल
नई दिल्ली। दिल्ली के जामिया यूनिवर्सिटी में नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ आयोजित प्रदर्शन के दौरान हुई पुलिस बर्बरता की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के छात्र एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल पर बैठे।
छात्रों ने पुलिस बर्बरता की निष्पक्ष जांच के अलावा गिरफ्तार किये गए छात्रों की रिहाई की मांग उठाई है। छात्रों का कहना है कि नागरिकता कानून के खिलाफ यूनिवर्सिटी के छात्र छात्राओं पर हुए पुलिसिया ज़ुल्म की निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए, जिससे दोषी पुलिसकर्मी बेनकाब हो सकें।
भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों ने लोकभारत के ग्रुप एडिटर राजा ज़ैद को बताया कि नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया यूनिवर्सिटी छात्रों का प्रदर्शन शांतिपूर्वक चल रहा था लेकिन पुलिस ने इसे कुचलने की कोशिशों के तहत छात्र छात्राओं पर बर्बरता दिखाई।
छात्रों ने कहा कि उन्हें संदेह है कि जांच में पूरे मामले पर लीपापोती कर दी जायेगी। इतना ही नहीं छात्रों ने भूख हड़ताल को सांकेतिक बताते हुए कहा कि यदि पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच नहीं हुई और गिरफ्तार किये गए छात्रों की जल्द रिहाई नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल भी की जायेगी।
वहीँ दूसरी तरफ दायर की गई याचिका में पुलिस के बिना अनुमति यूनिवर्सिटी परिसर में प्रवेश को लेकर सवाल उठाये गए हैं। दिल्ली हाई कोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 4 फरवरी को होगी।
गोरतलब है कि जामिया यूनिवर्सिटी की वाइस चांसलर और रजिस्ट्रार द्वारा भी बिना अनुमति पुलिस के केम्पस में प्रवेश को लेकर सवाल उठाये गए थे।