मानसून सत्र खत्म होने तक संसद के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे किसान

मानसून सत्र खत्म होने तक संसद के सामने विरोध प्रदर्शन करेंगे किसान

नई दिल्ली। तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की गारंटी के लिए कानून बनाये जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सरहदों पर पिछले 7 महीने से अधिक समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानो के संयुक्त मोर्चे ने बड़ा एलान किया है।

संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने रविवार को ऐलान किया कि मॉनसून सत्र के दौरान संसद के सामने केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ रोज किसानों का एक समूह प्रदर्शन करेगा।

मोर्चा ने विपक्षी सांसदों को भी चेतावनी दी है कि सदन के भीतर या तो हमारी आवाज उठाइए या फिर इस्तीफा दे दें। उससे पहले 8 जुलाई को पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस की बढ़ती कीमतों के खिलाफ देशभर में विरोध-प्रदर्शन होगा।

एसकेएम ने संवाददाता सम्मेलन में बताया कि मॉनसून सत्र शुरू होने के दो दिन पहले सदन के अंदर कानूनों का विरोध करने के लिए सभी विपक्षी सांसदों को एक ‘चेतावनी पत्र’ दिया जाएगा। किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, “विपक्षी दलों को सरकार का ध्यान आकर्षित करने की जरूरत है, हम तीन कानूनों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के कानून को रद्द करने की मांग करते हैं।”

किसान नेता राजेवाल ने कहा, ‘हम विपक्षी सांसदों से भी सदन के अंदर हर दिन इस मुद्दे को उठाने के लिए कहेंगे, जबकि हम विरोध में बाहर बैठेंगे। हम उनसे कहेंगे कि संसद का बर्हिगमन कर केंद्र को लाभ न पहुंचाएं। जब तक सरकार इस मुद्दे का समाधान नहीं करती तब तक सत्र को नहीं चलने दें।’

उन्होंने कहा कि 22 जुलाई से दिल्ली की सीमाओं पर प्रत्येक विरोध स्थल से कम से कम पांच किसान संसद की ओर मार्च करेंगे और कानूनों के खिलाफ नारेबाजी करेंगे। राजेवाल ने कहा कि यह तब तक जारी रहेगा जब तक संसद सत्र में है। 8 जुलाई को ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के खिलाफ भी विरोध प्रदर्शन होगा।

भारतीय किसान संघ (बीकेयू) के गुरनाम सिंह चारुनी के अनुसार उस दिन सुबह 10 बजे से दोपहर के बीच उनके सदस्य और समर्थक सभी राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर वाहन पार्क करेंगे। उन्होंने कहा, “हालांकि, इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि कोई ट्रैफिक जाम न हो।” उन्होंने कहा, “इसी तरह, महिलाएं रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि के खिलाफ सड़कों पर उतरेंगी।”

कृषि कानूनों के विरोध में 40 से ज्यादा किसान संगठन, संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले पिछले साल नवंबर से ही दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। दोपहर 12 बजे प्रदर्शनकारी एक स्वर में अपने वाहनों का हॉर्न बजाएंगे।

इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि “अगर सरकार किसी पार्टी की होती तो वो जरूर बात करती, मोदी सरकार को कंपनी चला रही है। उनकी शर्त है कि कानून वापस नहीं लेंगे लेकिन बात कर लो।”

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TeamDigital