दिल्ली: कल याचिकाओं पर होनी है सुनवाई ,सुप्रीमकोर्ट के बाहर मौन प्रदर्शन, धरने पर बैठीं महिलाएं
नई दिल्ली। नागरिकता कानून के विरोध में जहाँ दिल्ली के शाहीन बाग़ सहित देश के कई शहरो में पिछले एक महीने से अधिक समय से प्रदर्शन चल रहा है। वहीँ अब नागरिकता कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर कल सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई के मद्देनज़र प्रदर्शनकारी महिलाओं ने सुप्रीमकोर्ट के समक्ष मौन प्रदर्शन किया है।
गौरतलब है कि नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में कुल 144 याचिकाएं दायर की गई हैं। सुप्रीमकोर्ट ने इन याचिकाओं पर सुनवाई के लिए बुधवार 22 जनवरी की तारीख तय की है।
नागरिकता कानून को लेकर सरकार की तरफ से कदम वापस खींचने की गुंजाइशें खत्म हो चुकी हैं। गृह मंत्री अमित शाह पार्टी के कार्यक्रमों के अलावा सार्वजनिक रूप से यह कहते रहे हैं कि नागरिकता कानून पर हम इंच भी वापस नहीं जाएंगे।
ऐसे में नागरिकता कानून का विरोध कर रहे लोगों की अंतिम उम्मीदें सुप्रीमकोर्ट पर ही टिकी हैं। नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में पहुंची सभी याचिकाओं पर बुधवार को फैसला होना है।
जानकारों की माने तो सुप्रीमकोर्ट अयोध्या मामले में दायर की गई पुनर्विचार याचिकाओं की तरह नागरिकता कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं को बिना सुने भी ख़ारिज कर सकता है। यदि सुप्रीमकोर्ट समझता है कि इन याचिकाओं पर सुनवाई होनी चाहिए तभी याचिकाओं पर सुनवाई संभव है।
यदि देश की सर्वोच्च अदालत नागरिकता कानून के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करती है तो नागरिकता कानून का विरोध करने वालो के पास एक आखिरी उम्मीद कोर्ट का फैसला शेष रहेगा।
फिलहाल देखना है कि कल जब सुप्रीमकोर्ट की कार्रवाही शुरू होगी तो नागरिकता कानून के खिलाफ दायर तमाम याचिकाओं पर कोर्ट क्या रुख दिखाता है। बुधवार को चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस अब्दुल नजीर, जस्टिस संजीव खन्ना की बेंच इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगी।