रायबरेली में बीजेपी सिमटी, कांग्रेस-सपा ने मारी बाज़ी, बसपा शून्य
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव में विधायक आदिति सिंह की कांग्रेस से बगावत और बीजेपी के एमएलसी दिनेश सिंह द्वारा पूरी ताकत झौंके जाने के बावजूद जिले में बीजेपी कुछ खास नहीं कर पाई और मात्र 9 सीटों पर सिमट कर रह गई।
कांग्रेस का गढ़ कहे जाने वाले रायबरेली में बीजेपी ने तमाम ताकत झौंकी थी। उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा भी लगातार रायबरेली के बीजेपी नेताओं से संपर्क बनाये हुए थे। चुनाव से पहले बीजेपी की तरफ से लगातार दावा किया जा रहा था कि वह पंचायत चुनाव में पूरे जनपद में कमल खिलाएगी लेकिन जनता ने बीजेपी को नकार दिया है।
हालांकि कांग्रेस ने जिला पंचायत चुनावो पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया था और पार्टी ने जिले की 52 वार्डो में से सिर्फ 33 पर ही उम्मीदवार खड़े किये थे। इसके बावजूद पार्टी बीजेपी से ज़्यादा सीटें जीतने में कामयाब रही। कांग्रेस ने 10 वार्डो में सफलता हासिल की है।
वहीँ समाजवादी पार्टी ने 35 वार्डो में अपने उम्मीदवार खड़े किये थे और पार्टी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 14 सीटों पर जीत दर्ज की है। वहीँ बहुजन समाज पार्टी जिले में अपना खाता भी नहीं खोल सकी और उसके सभी उम्मीदवार पराजित हुए हैं।
वहीँ कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि कोरोना महामारी के बीच हुए पंचायत चुनाव में पार्टी इसलिए भी ज़्यादा ध्यान नहीं दे पाई क्यों कि महामारी के बीच देहात स्तर पर प्रचार में भाग ले पाना संभव नहीं था। जबकि बीजेपी ने अपने कई धुरंधरों को प्रचार में लगाया था और जमकर धनबल का भी इस्तेमाल हुआ।
पार्टी सूत्रों ने कहा कि भले ही जनपद में कांग्रेस ने 10 सीटों पर जीत हासिल की है लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष चुने जाने में उसकी प्रमुख भूमिका रहेगी। अब कांग्रेस को नज़रअंदाज कर जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी पर काबिज होना संभव नहीं होगा।