फिलहाल मंहगाई से राहत की उम्मीद नहीं, सब्जियों ने भी दिखाई तेजी
नई दिल्ली। मंहगाई की मार झेल रही आम जनता को चौतरफा मार पड़ रही है। एक तरफ पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि की मार तो दूसरी तरफ खाद्य तेलों की आसमान छूती कीमतें और अब सब्ज़ियों ने भी रंग बदलना शुरू कर दिया है।
जानकारों की माने तो फिलहाल मंहगाई से राहत मिलने की संभावना नहीं है, जबकि त्यौहारों के कारण खाने पीने की चीज़ो के दामों में और बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है। इनमे घी, तेल, रिफाइंड, चीनी, आटा, दाल, चावल जैसी चीज़ें शामिल हैं।
जहां तक पेट्रोल-डीजल की कीमतों का सवाल है तो रविवार को भी इनकी कीमतों में बढ़ोत्तरी जारी रही और दिल्ली में पेट्रोल की कीमत में 0.35 रुपए (105.84 रुपए प्रति लीटर) और डीजल की कीमतों में 0.35 रुपए (94.57 रुपए प्रति लीटर) की वृद्धि हुई। रविवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमत 111.77 रुपए प्रति लीटर और डीजल की कीमत 102.52 रुपए प्रति लीटर रही।
वहीँ पिछले एक सप्ताह में सब्ज़ियों के दामों में यकायक तेजी देखने को मिली है। देश के बड़े शहरो में प्याज 50 रुपये, टमाटर 100 के आसपास और आलू 30 रुपये से ऊपर बिक रहा है।
टमाटर की बात करें तो पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में सबसे ज्यादा कीमतें बढ़ी है। यहां 1 अक्टूबर के आसपास कीमतें 30-35 रुपपये प्रति किलोग्राम थी। वो अब बढ़कर 72 रुपये के पार पहुंच गई है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली और चेन्नई की रिटेल मार्केट में टमाटर की कीमतें एक महीने पहले की तुलना में क्रमशः 30 रुपये प्रति किलोग्राम और 20 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 57 रुपये प्रति किलोग्राम हो गईं।
आंकड़ों से पता चलता है कि मुंबई में, खुदरा बाजारों में टमाटर की कीमत उक्त अवधि में 15 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 53 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई। ऐसा ही हाल प्याज और अन्य सब्ज़ियों का भी है।
हालांकि सब्ज़ियों में भाव में आई तेजी के पीछे कई राज्यों में हुई बारिश को भी बताया जा रहा है। वहीँ जानकारों का कहना है कि डीजल की कीमतों में बढ़ोत्तरी का सीधा प्रभाव उन सभी वस्तुओं पर पड़ना तय है जो एक राज्य से दूसरे राज्यों को भेजी जाती हैं।
जानकारों की माने तो फिलहाल मंहगाई से राहत के संकेत नहीं दिख रहे हैं। नवरात्री और दशहरा के बाद दिवाली,भाई दूज जैसे त्यौहारों के करीब आते आते मार्केट में कीमतों के स्थिर रहने का दावा नहीं किया जा सकता।
बहुत हुई मंहगाई की मार- अबकी बार मोदी सरकार
यहां सबसे अहम बात यह है कि 2014 में मंहगाई रोकने के नाम पर सत्ता में आई भारतीय जनता पार्टी के नेता मंहगाई के सवाल पर जबाव देने से कन्नी काट रहे हैं। 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने पीएम मोदी के फोटो वाले बड़े बड़े होर्डिंग लगाए थे, जिसमे लिखा था “बहुत हुई मंहगाई की मार- अबकी बार मोदी सरकार” लेकिन इसके पलट 2014 से लगातार मंहगाई का बढ़ना जारी है और इस वर्ष यह अपने चरम पर पहुंच चुकी है।