नागरिकता कानून के खिलाफ यशवंत सिन्हा की यात्रा शुरू, कांग्रेस-एनसीपी नेता हुए शामिल
मुंबई। नागरिकता कानून, एनआरसी के विरोध में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा की भारत शांति यात्रा मुंबई से शुरू हो गई है। 21 दिनों तक देश के विभिन्न राज्यों से होती हुई यह यात्रा 30 जनवरी को दिल्ली में राजघाट पर संपन्न होगी।
मुंबई के गेटवे ऑफ इंडिया से शुरू हुई इस यात्रा में एनसीपी प्रमुख शरद पवार, वंचित बहुजन अघाड़ी के नेता प्रकाश अंबेडकर और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चह्वाण शामिल हुए। इस यात्रा में अलग अलग राज्यों के किसान संगठनों, सामाजिक संगठनों के अलावा राजनैतिक दलों के नेता और देश के बुद्धजीवी शामिल होंगे। यह यात्रा यशवंत सिन्हा के राजनैतिक संगठन राष्ट्रमंच के बैनर तले निकाली जा रही है।
इस यात्रा के ज़रिये यशवंत सिन्हा नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को वापस लेने और जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में हुई हिंसा की सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा न्यायधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग के लिए अलग अलग राज्यों के लोगों से संवाद करेंगे और जनसमर्थन जुटाएंगे।
बुधवार को दिल्ली में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के साथ कांग्रेस नेता शत्रुघ्न सिन्हा और गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रमंच के राज्य संयोजक सुरेश मेहता भी मौजूद थे।
सुरेश मेहता ने कहा कि गांधी शांति यात्रा के गुजरात में प्रवेश के बाद यशवंत सिन्हा अहमदाबाद और सूरत में आयोजित कार्यक्रमों में भाग लेंगे और लोगों के साथ संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस यात्रा में देश के कई जाने माने बुद्धजीवियों के अलावा कांग्रेस, एनसीपी, तृणमूल कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी के नेता शामिल होंगे। सुरेश मेहता ने कहा इस यात्रा में सेवानिवृत्त राजनयिक के सी सिंह और पूर्व-भाजपा मंत्री सोमपाल शास्त्री भी शामिल होंगे।