कौन हैं चरणजीत सिंह चन्नी, जिन्हे कांग्रेस ने सौंपी पंजाब की कमान
नई दिल्ली। पंजाब में रातो रात हुए राजनीतिक बदलाव के बाद मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे चरणजीत सिंह चन्नी भले ही पहले कभी सुर्ख़ियों में नहीं रहे लेकिन कांग्रेस विधायकों ने उन्हें सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना है। चरणजीत सिंह चन्नी सोमवार को 11 बजे पंजाब के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे।
चन्नी दलित सिख समुदाय से आते हैं और अमरिंदर सरकार में तकनीकी शिक्षा मंत्री थे। चन्नी 2015 से 2016 तक पंजाब विधानसभा में विपक्ष के नेता भी रह चुके हैं।
पिछले बार के विधानसभा चुनाव में चन्नी ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार को लगभग 12000 वोटों से मात दिया था। वहीं, साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने लगभग 3600 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी।
पंजाब की राजनीति में चरणजीत सिंह चन्नी को राहुल गांधी का करीबी माना जाता है। बताया जाता है कि चन्नी युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं और इस दौरान ही वो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी करीब आए।
चरणजीत सिंह चन्नी रामदसिया सिख समुदाय से हैं और पंजाब की चमकौर साहिब विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं। उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह कैबिनेट में 16 मार्च 2017 को कैबिनेट मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया था।
48 साल के चरणजीत सिंह चन्नी को बेहद मिलनसार और ज़मीनी नेता बताया जाता है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में नए मुख्यमंत्री के तौर पर सुनील जाखड़, सुखजिंदर सिंह रंधावा और चरणजीत सिंह चन्नी में से राहुल गांधी ने चरणजीत सिंह चन्नी के नाम पर अपनी मुहर लगाई। इसके बाद उनके मुख्यमंत्री बनने का रास्ता साफ़ हो गया।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में कैप्टेन अमरिंदर सिंह की मुख्यमंत्री पद से विदाई में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू की बड़ी भूमिका रही है। सिद्धू ने कांग्रेस द्वारा पिछले चुनाव में किये गए वादे पूरे नहीं होने का मामला पार्टी हाईकमान तक पहुंचाया था। इतना ही इन्ही सिद्धू ने ही कैप्टेन अमरिंदर सिंह के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कई सवालो के घेरे में खड़ा किया था।