UN के उच्चायुक्त ने सीएए के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में दायर की याचिका, विदेश मंत्रालय नाराज

UN के उच्चायुक्त ने सीएए के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट में दायर की याचिका, विदेश मंत्रालय नाराज

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर मोदी सरकार के लिए एक और नई मुसीबत खड़ी हो गई है। नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ जहाँ सुप्रीमकोर्ट में 143 याचिकाएं लंबित हैं वहीँ संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार के उच्चायुक्त ने सिटीजनशिप अमेंडमेंट एक्ट (सीएए) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा कि सीएए भारत का आंतरिक मामला है और कानून बनाने के लिए भारतीय संसद के के पास इसका अधिकार है। प्रवक्ता रवीश कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि जेनेवा में हमारे स्थायी मिशन को सोमवार शाम संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त (मानवाधिकारों) के लिए सूचित किया गया कि उनके कार्यालय ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में सीएए में हस्तक्षेप करने को लेकर याचिका दायर की है।

आगे रवीश कुमार ने कहा, “हम दृढ़ता के साथ इस बात को मानते हैं कि किसी भी विदेशी संस्थानों के पास भारत की संप्रभुता से संबंधित मुद्दों में हस्तक्षेप करने का कोई हक नहीं है। भारत इस बात को स्पष्ट करता है कि सीएए संवैधानिक रूप से वैध है और अपने संवैधानिक मूल्यों की सभी आवश्यकताओं का पालन करता है।”

प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है जिस पर कानून के मुताबिक शासन किया जाता है। हम सभी को अपनी न्यायपालिका पर पूरा भरोसा और सम्मान है। हमें पूरा विश्वास है कि हमारी आवाज़ और कानूनी रूप से स्थायी स्थिति सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मानी जाएगी।

सीएए गैर-मुस्लिम अल्पसंख्यकों- हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को भारतीय नागरिकता प्रदान करता है- जो धार्मिक उत्पीड़न के बाद 31 दिसंबर, 2014 तक अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत चले आए थे।

वहीं, 9 जनवरी को SC ने सीएए को असंवैधानिक घोषित करने की मांग वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यह कहना कि देश कई राज्यों में हिंसा की पृष्ठभूमि के खिलाफ कठिन समय से गुजर रहा है, और इसलिए शांति के लिए प्रयास होना चाहिए।

दिल्ली हिंसा पर ईरान ने की टिप्पणी:

दिल्ली हिंसा को लेकर ईरान द्वारा की गई टिप्पणी पर भारत के विदेश मंत्रालय ने नाराज़गी ज़ाहिर की है। सोमवार को दिल्ली हिंसा को लेकर ईरान के विदेश मंत्री ने प्रतिक्रिया दी और चिंता व्यक्त की थी। अब इसी के बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने ईरानी राजदूत को समन भेजा है। विदेश मंत्रालय की ओर से ईरानी मंत्री द्वारा किए गए बयान पर सख्त आपत्ति जताई गई है।

सूत्रों के मुताबिक, मंगलवार को भारतीय विदेश मंत्रालय ने ईरानी राजदूत को समन भेजा है। इस दौरान भारत के आंतरिक मामले में ईरानी विदेश मंत्री द्वारा दिए गए बयान पर आपत्ति भी जताई गई।

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