RTI से हुआ खुलासा: मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा तय नहीं
नई दिल्ली। मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर सरकार की तरफ से भले ही कोई भी दावा किया जा रहा हो लेकिन हकीकत यह है कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 (RTI Act 2005) के तहत मांगी गई जानकारी में यह खुलासा हुआ है।
मुंबई के आरटीआई कार्यकर्त्ता अनिल गलगली द्वारा मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के सन्दर्भ में मांगी गई जानकारी के जबाव में नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (एनएचएसआरसीएल) के उप महाप्रबंधक उमेश कुमार गुप्ता ने यह जानकारी दी है।
गलगली ने कहा कि रेल मंत्रालय ने हाल ही में घोषणा की थी कि पहली बुलेट ट्रेन परियोजना 2026 में मुंबई-गुजरात को जोड़ेगी, लेकिन एनएचएसआरसीएल के जवाब ने संदेह पैदा कर दिया है।
गलगली ने कहा, “एनएचएसआरसीएल ने कहा है कि “परियोजना को पूरा करने की समय सीमा महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण पूरा होने और परियोजना से संबंधित सभी निविदाओं / अनुबंधों को देने के बाद ही तय की जा सकती है।”
एनएचएसआरसीएल ने अपने जबाव में आगे बताया कि गुजरात, दादरा और नगर हवेली में 352 किलोमीटर चलने वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के पूरे खंड के लिए सिविल कार्य दिसंबर 2020 से विभिन्न चरणों में शुरू किया गया था।
आरटीआई से मिले जबाव के मुताबिक, “1 सितंबर, 2022 तक, गुजरात में सिविल कार्य पूरी गति से चल रहा है। गुजरात की पूरी लंबाई में सभी सिविल और ट्रैक निविदाएं पहले ही प्रदान की जा चुकी हैं। महाराष्ट्र में भूमि अधिग्रहण प्रगति पर है।”
NHSRCL के रुख के मद्देनजर, गलगली ने कहा कि जब ऐसी महत्वाकांक्षी मेगा-परियोजनाओं की पूरी योजना के बिना घोषणा की जाती है, तो परियोजना समय पर पूरी नहीं होती है और इसके परिणामस्वरूप सभी स्तरों पर लागत में वृद्धि होती है।
एक लाख करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली बुलेट ट्रेन परियोजना के दिसंबर 2023 तक पूरा होने की उम्मीद थी, लेकिन विभिन्न राजनीतिक बाधाओं और अन्य मुद्दों के कारण यह अटक गई।