शाहीन बाग़: चौथे दिन भी बातचीत नाकाम, प्रदर्शनकारियों ने रखीं शर्तें

शाहीन बाग़: चौथे दिन भी बातचीत नाकाम, प्रदर्शनकारियों ने रखीं शर्तें

नई दिल्ली। दिल्ली के शाहीन बाग़ में 73 दिनों से चल रहे नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन के बीच आज चौथी बार प्रदर्शनकारियों से बातचीत नाकाम रही है। चौथे दिन प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने पहुंची सुप्रीमकोर्ट की तरफ से नियुक्त वार्ताकार साधना रामचंद्रन बिना किसी समाधान के शाहीन बाग़ से वापस चली गयीं।

चौथे दिन अकेले बातचीत के लिए शाहीन बाग़ पहुंची साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को रास्ता खोलने के लिए मनाने की एक और कोशिश की। उन्होंने प्रदर्शनकारियों को समझाने के प्रयास किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि इस रास्ते के बंद होने से लोगों को हो रही दिक्कतों को ध्यान में रखकर रास्ता खोल दें।

जबाव में प्रदर्शनकारियों ने साधना रामचंद्रन से कहा कि हम रास्ता खोलने को तैयार हैं, बशर्ते कि सुप्रीमकोर्ट प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा को लेकर कोई आदेश जारी करे। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि हमारी सुरक्षा को दिल्ली पुलिस के भरोसे न छोड़ा जाए, साथ ही जामिया मिल्लिया यूनिवर्सिटी के निर्दोष छात्रों पर दर्ज किये गए मुकदमे वापस लिए जाने चाहिए।

इस पर साधना रामचंद्रन ने कहा कि कल हमने आधी सड़क खोने की बात की थी। मैंने ये नहीं कहा कि प्रदर्शनकारी पूरी सड़क खाली करें और कहीं और जाकर प्रदर्शन करें। इस पर प्रदर्शनकारियों ने साफ़ तौर पर कहा कि हमे सुरक्षा को लेकर जब तक लिखित में कोई आश्वासन नहीं मिलता तब तक इस बातचीत से कोई हल नहीं निकलने वाला।

इस पर रामचंद्रन ने कहा कि क्या इससे हम खुश होंगे? शाहीन बाग में एक खूबसूरत जगह खोजें, एक खूबसूरत बाग बने और वहां प्रोटेस्ट हो। क्या आपको ये आइडिया पसंद है? इस पर सारी महिलाओं ने साफ मना कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने हम (प्रदर्शनकारी महिलाओं) पर टिप्पणी की कि ‘शाहीन बाग की महिलाएं बातचीत के लायक नहीं हैं।’ जिन लोगों ने शाहीन बाग के खिलाफ गलत बोला है उनके खिलाफ कार्रवाई हो।

इससे पहले शुक्रवार को भी तीसरी बार वार्ताकार शाहीन बाग़ पहुंचे थे लेकिन शुक्रवार को भी बातचीत का कोई हल नहीं निकला था। शुक्रवार को भी प्रदर्शनकारियों ने अपनी सुरक्षा की बात वार्ताकारो के समक्ष रखी थी।

गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट ने शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों से बातचीत कर रास्ता खुलवाने के लिए मध्यस्थों की न्युक्ति की है। इनमे वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन शामिल हैं। कोर्ट ने इसके लिए उन्हें एक हफ्ते का समय दिया है। अब अगली सुनवाई सोमवार 24 फरवरी को होगी।

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TeamDigital