गुजरात दंगो में पीएम मोदी को क्लीनचिट के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट पहुंची ज़किया जाफरी
नई दिल्ली। वर्ष 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगो में पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका को एसआईटी द्वारा दी गई क्लीनचिट के खिलाफ पूर्व कांग्रेस सांसद अहसान जाफरी की पत्नी ज़किया जाफरी ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी की याचिका पर सुनवाई की। न्यायालय ने मामले को 14 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया है।
अपनी याचिका में ज़किया जाफरी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य लोगों को 2002 में हुए गुजरात दंगों के दौरान विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा दी गई क्लिनचिट को चुनौती दी है।
गौरतलब है कि एसआईटी कोर्ट से 2002 के गोधरा कांड के बाद गुलबर्ग सोसाइटी में हुए दंगों के मामले में 24 आरोपियों की सजा के ऐलान के बाद कोर्ट के फैसले पर जकिया जाफरी ने कहा था कि मुझे पूरा न्याय नहीं मिला है, मैं सजा से संतुष्ट नहीं हूं. इन लोगों को बहुत कम सजा सुनाई गई है ।
उन्होंने पत्रकारों से कहा,‘इस फैसले से संतोष कैसे हो सकता है। 15 साल बीतने के बाद भी यह फैसला मिला तो कैसे संतोष होगा। मेरी लडा़ई खत्म नहीं हुई। अब वकीलों से राय लेनी पड़ेगी और फिर मुझे लडा़ई शुरू करनी पडे़गी। जब तक जान में जान है तब तक लडेंगे।’
क्या है मामला:
27 फरवरी 2002 को गोधरा के पास 59 लोगों की हत्या के एक दिन बाद अहमदाबाद के चमनपुरा इलाके के गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसक भीड़ ने हमला किया था । 28 फरवरी, 2002 को को हुए इस हमले में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी सहित 69 लोग मारे गये थे । एक प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हमलावरों की संख्या करीब 20 हजार थी ।
इस सोसाइटी में 29 बंगले और 10 फ्लैट थे, जिसमें एक परिवार पारसी और बाकी सभी मुसलिम परिवार रहते थे । भीड़ ने करीब चार घंटे तक सोसाइटी में मारपीट की, लोगों को जिंदा जला दिया ।