गांधी परिवार को नेतृत्व छोड़ने की सलाह देकर पार्टी नेताओं के निशाने पर आये सिब्बल
नई दिल्ली। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने गांधी परिवार को पार्टी नेतृत्व छोड़ने की सलाह दी है।
सिब्बल ने अंग्रेजी दैनिक ‘इंडियन एक्सप्रेस’ को दिए साक्षात्कार में कहा है कि गांधी परिवार को कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व से अलग होना चाहिए और किसी अन्य को मौका देना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि वह ‘घर की कांग्रेस’ नहीं, बल्कि ‘सबकी कांग्रेस’ चाहते हैं।
सिब्बल की सलाह पर कांग्रेस के कई नेताओं ने गांधी परिवार के संदर्भ में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर मंगलवार को उन पर प्रहार करते हुए कहा कि वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की भाषा बोल रहे हैं।
लोकसभा में कांग्रेस के सचेतक मणिकम टैगोर ने सिब्बल पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘‘आरएसएस और भाजपा क्यों चाहते हैं कि नेहरू-गांधी नेतृत्व से अलग हो? क्योंकि गांधी परिवार के नेतृत्व के बिना कांग्रेस, जनता पार्टी बन जाएगी। इस तरह से कांग्रेस को खत्म करना आसान होगा और फिर से आइडिया ऑफ इंडिया (भारत के विचार) को खत्म करना आसान होगा। कपिल सिब्बल यह जानते हैं, लेकिन वह आरएसएस/भाजपा की भाषा क्यों बोल रहे हैं?’’
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सिब्बल पर प्रहार करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं को पार्टी के मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बयानबाजी करने की बजाय अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ना चाहिए।
खेड़ा ने कहा, ‘‘कपिल सिब्बल, डॉक्टर हर्षवर्धन (भाजपा नेता) ने आपसे नहीं कहा था कि चांदनी चौक से अलग हो जाइए। वह चुनाव लड़े और आपको पराजित किया। जो लोग कांग्रेस का नेतृत्व करना चाहते हैं वह मौजूदा नेतृत्व के खिलाफ रोजाना बोलने की बजाय पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने के लिए स्वतंत्र हैं।’’ खेड़ा का संकेत दिल्ली की चांदनी चौक लोकसभा सीट पर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हर्षवर्धन द्वारा सिब्बल को पराजित किए जाने की ओर था।
कांग्रेस प्रवक्ता रागिनी नायक ने कहा, ‘‘गांधी परिवार कांग्रेस की प्राणवायु है। गांधी परिवार ने अपने संघर्ष और खून-पसीने से इस देश को बनाया है और नैतिक मूल्यों को बढ़ाया है…कांग्रेस का हर कार्यकर्ता गांधी परिवार के नेतृत्व में अपने आप को मजबूत पाता है।’’