खतरे में आ चुकी है शिवराज की कुर्सी, उपचुनावों के परिणाम पर टिका है भविष्य!
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी बीजेपी हाईकमान के निशाने पर आ चुके हैं। यही कारण है कि शिवराज सिंह चौहान ने दिल्ली की परिक्रमा शुरू कर दी है।
सूत्रों की माने तो मध्य प्रदेश में होने जा रहे एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव के परिणाम ही शिवराज का भविष्य तय करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी आलाकमान ने मध्य प्रदेश में शिवराज के उत्तराधिकारी की तलाश शुरू कर दी है।
सूत्रों ने कहा कि पार्टी हाईकमान अगले विधानसभा चुनाव में शिवराज को पार्टी का चेहरा बनाने के मूड में नहीं है। दूसरा मध्य प्रदेश में हाल ही में हुई कुछ घटनाओं का पार्टी को उपचुनाव में नुकसान उठाना पड़ सकता है। यही सब ध्यान में रखकर पार्टी हाईकमान मध्य प्रदेश में भी बदलाव करने के मूड में हैं।
सूत्रों ने कहा कि कर्नाटक, उत्तराखंड और गुजरात में मुख्यमंत्री बदले जाने के बाद पार्टी नेतृत्व गंभीरता से मध्य प्रदेश में भी किसी नए चेहरे को मुख्यमंत्री बनाये जाने का पक्षधर है।
सूत्रों ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह ने हाल ही में मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री बदले जाने के संकेत दिए थे। उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मौजूदगी में बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की तारीफ़ भी की थी।
फिलहाल माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के तौर पर शिवराज सिंह का भविष्य उपचुनावों के परिणाम तय करेंगे। बता दें कि मध्य प्रदेश में खंडवा लोकसभा सीट और रैगांव, पृथ्वीपुर तथा जोबट विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं।
सूत्रों ने कहा कि संभावना इस बात की भी है कि मध्य प्रदेश में अगले विधानसभा चुनाव से पहले ही प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री दोनों में बदलाव किया जाएगा। दरअसल, बीजेपी के कई कद्दावर नेता दबी ज़ुबान में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की आलोचना करते रहे हैं।
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती राज्य में शराब बंदी की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की धमकी तक दे चुकी हैं। वहीँ बीजेपी के कद्दावर नेता और पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय का भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से छत्तीस का आंकड़ा बताया जाता है।