अयोध्या में बोले उद्धव ठाकरे: बीजेपी से अलग हुआ हूँ, हिंदुत्व से नहीं
लखनऊ ब्यूरो। अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के फंड में से राम मंदिर निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये देने का एलान किया है। उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे सिर्फ भारतीय जनता पार्टी से अलग हुए हैं, हिंदुत्व से नहीं।
रामलला के दर्शन के बाद उन्होंने कहा कि यह मेरे लिए सौभाग्य की बात है कि मैं यहां आ सका. ठाकरे ने कहा कि मैं यहां की सरयू आरती में भी शामिल होना चाहता था, लेकिन कोरोना वायरस के कारण मैं इसमें शामिल नहीं हो रहा हूं। मैं दोबारा इसमें शामिल होने के लिए आऊंगा।
ठाकरे ने कहा कि मेरे परिवार से कई लोग यहां आ चुके हैं। मेरे पिता भी मंदिर निर्माण के लिए यहां शिला लाये थे। यूपी सरकार अगर मुझे जमीन देगी तो मैं अयोध्या में महाराष्ट्र भवन बनाऊंगा, ताकि वहां से आने वाले लोग आराम से आकर रामलला के दर्शन कर सकें। मैं भाजपा से अलग हुआ हूं, हिंदुत्व से नहीं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार के शुक्रवार को 100 दिन पूरे हो गए। ठाकरे ने पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाला था। राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना नीत महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में राकांपा और कांग्रेस भी शामिल हैं।
इस अवसर पर शिवसेना के मुखपत्र में बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा गया कि जो कह रहे थे कि महाराष्ट्र में यह नयी गठबंधन सरकार 100 घंटे से ज्यादा नहीं चलेगी, उस सरकार ने सौ दिन पूरे कर लिए हैं। जिनकी खुद की सरकार 80 घंटे ही चल पाई वे दावा कर रहे थे कि ठाकरे सरकार 100 घंटे तक भी नहीं चलेगी।
सामना में हिंदुत्व को लेकर कहा गया कि पार्टी की नीति में कोई परिवर्तन नहीं आया है। इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर सामना ने बीजेपी पर निशाना साधते हिये लिखा कि भगवान राम और हिंदुत्व किसी एक राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है।
संपादकीय में कहा गया है कि ठाकरे की अयोध्या यात्रा को लेकर उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों ने कई सवाल खड़े किए। इसमें कहा गया है, ‘‘कोई भी सरकार का समर्थन कर सकता है लेकिन उद्धव ठाकरे और शिवसेना बाहर तथा अंदर से एक जैसे ही रहेंगे। विचारधारा में कोई बदलाव नहीं आया है। भगवान श्री राम और हिंदुतव किसी एक पार्टी की संपत्ति नहीं है।”