जामिया और शाहीन बाग़ पहुंचे कांग्रेस सांसद शशि थरूर, जाम में फंसे तो पैदल चलकर पहुंचे
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नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी पहुंचकर छात्रों से मुलाकात की। पुलिस द्वारा बेरिकेटिंग लगाए जाने से लग रहे जाम के कारण शशि थरूर जाम में फंस गए और कार से वहीँ उतर गए और पैदल चलकर जामिया तक पहुंचे।
जामिया यूनिवर्सिटी में अपने संबोधन में शशि थरूर ने कहा कि सीएए न सिर्फ संविधान के मूल ढाँचे के खिलाफ है बल्कि यह अलोकतांत्रिक और भेदभावपूर्ण भी है। उन्होंने सीएए को भारतीय लोकतंत्र पर धब्बा करार दिया।
शशि थरूर ने जामिया में हुई पुलिस बर्बरता की निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र में किसी की आवाज़ को ताकत के बल पर नहीं दबाया जा सकता। थरूर के साथ दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा और सीलमपुर के पूर्व विधायक चौधरी मतीन अहमद भी मौजूद थे। जामिया के छात्रों से मिलने के बाद शशि थरूर शाहीन बाग में चल रहे धरने में शामिल हुए
गौरतलब है कि जामिया पर सीएए और एनआरसी के खिलाफ एक महीने से ज्यादा से विरोध चल रहा है। पिछले दिनों नागरिकता संशोधन को लेकर जामिया छात्रों द्वारा किये गए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने लाठी चार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। इस दौरान कई छात्र घायल हो गए थे।
जामिया यूनिवर्सिटी में पुलिस के प्रवेश को लेकर अभी भी सवालो के जबाव मिलना बाकी है। यूनिवर्सिटी की कुलपति नज्मा अख्तर का कहना है कि दिल्ली पुलिस को यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। जामिया हिंसा का मामला मानवाधिकार आयोग तक पहुँच चूका है और मानवाधिकार आयोग की टीम 14 जनवरी को परिसर का दौरा करेगी।
कड़ाके की सर्दी के बावजूद छात्रों का प्रदर्शन जारी है वहीँ उन्हें स्थानीय लोग भी सहयोग कर रहे हैं। छात्रों का मनोबल बढ़ाने के लिए अब तक कई राजनैतिक दलों और सामाजिक संगठनों के अलावा दिल्ली के कई अन्य विश्वविधालयों के छात्र छात्राएं प्रतिदिन प्रदर्शन में भाग लेने जामिया मिल्लिया इस्लामिया पहुँच रहे हैं।