शाहीन बाग़: सुरक्षा को लेकर चिंता, 7 तारीख की रात तक बड़ी तादाद में पहुँचने की अपील

शाहीन बाग़: सुरक्षा को लेकर चिंता, 7 तारीख की रात तक बड़ी तादाद में पहुँचने की अपील

नई दिल्ली। शाहीन बाग़ में पिछले करीब 50 दिनों से चल रहे नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शन को अब सुरक्षा को लेकर चिंता पैदा हो रही है। लगातार मिल रही धमकियों के मद्देनज़र शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों ने एक पोस्टर जारी कर नागरिकता कानून विरोधी लोगों से बड़ी तादाद में 04 फरवरी से 07फरवरी की रात तक शाहीन बाग़ पहुँचने की अपील की है।

पोस्टर में कहा गया है कि कुछ दिन में हुई हिंसा के बावजूद हम मजबूती से खड़े हैं। दिल्ली चुनाव के नजदीक आते ही हमारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन हिंसक राजनीति करने वालों के निशाने पर है। इससे हमारी सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ गया है। रात के समय यह खतरा सबसे अधिक होता है।

इसलिए हम दिल्ली के बहादुर लोगों से अपील करते हैं कि रात में हमारे साथ रुकें। अंत में कहा गया है कि 4 से 7 फरवरी के बीच सुबह 11 बजे से रात 11 बजे तक अराजक तत्वों से प्रदर्शन को बचाने के लिए बड़ी संख्या में आएं।

गौरतलब है कि दिल्ली में 8 फरवरी को विधानसभा चुनाव है। मंगलवार को पुलिस की मौजूदगी के बावजूद जामिया यूनिवर्सिटी के समक्ष प्रदर्शन करने पहुंची भीड़ को शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारी सुरक्षा को खतरा मानकर चल रहे हैं।

वहीँ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने मंगलवार को एक बार फिर धमकी भरे लहजे में कहा कि दिल्ली में बीजेपी क्लीन स्वीप करेगी। 11 तारीख को परिणाम आते ही शाहीन बाग़ खाली करा दिया जायेगा।

शाहीन बाग़ में हुई फायरिंग की घटना और जामिया यूनिवर्सिटी में दो बार हुई फायरिंग की घटना से प्रदर्शनकारी यह मानकर चल रहे हैं कि कभी भी भीड़ की शक्ल में प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाया जा सकता है।

मंगलवार को जामिया पर हुई थी नारेबाजी:

मंगलवार को जामिया यूनिवर्सिटी के समक्ष भीड़ की शक्ल में हाथो में तिरंगा लेकर पहुंचे लोगों ने “जय श्री राम” और “देश के गद्दारो को – गोली मारो सालो को” के नारे लगाए।

जामिया में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के मुताबिक “करीब 100-125 लोगों की भीड़ सुखदेव विहार की ओर से पुलिस की मौजूदगी में नारे लगाते हुए आईं। उन लोगों ने गेट नंबर- 1 पर रूककर ‘जय श्री राम और गोली मारो…’ के नारे लगाएं। भीड़ फिर नारे लगाते हुए सुखदेव विहार की ओर चली गई।”

इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस मूक दर्शक बनी रही और पुलिस ने भीड़ को जल्दी वहां से निकालने या नारे रुकवाने की कोशिश नहीं की। इस बीच छात्रों में यह खबर फैली तो छात्रों की तादाद बढ़ने लगी और गेट नंबर 7 पर छात्रों की भीड़ जमा हो गई। छात्रों ने बताया कि भीड़ कुछ देर तक नारे लगाती रही और बाद में भीड़ चली गई। छात्रों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस पर यकीन नहीं किया जा सकता।

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TeamDigital