पाबंदी हटते ही अनुराग ठाकुर की धमकी: 11 फरवरी को खाली करा देंगे शाहीन बाग़

पाबंदी हटते ही अनुराग ठाकुर की धमकी: 11 फरवरी को खाली करा देंगे शाहीन बाग़

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने चुनाव आयोग द्वारा प्रचार करने पर लगी पाबंदी हटते ही एक और विवादित बयान दिया है। अनुराग ठाकुर ने दावा किया कि दिल्ली में बीजेपी क्लीन स्वीप करेगी।

अनुराग ठाकुर यहीं नहीं रुके और फिर एक विवादित बयान दे बैठे। इस बार अनुराग ठाकुर ने कहा कि 11 फरवरी को चुनाव परिणाम आने के साथ ही शाहीन बाग़ खाली करा दिया जाएगा।

मंगलवार को दिल्ली बीजेपी ऑफिस के एक कार्यक्रम में शामिल हुए अनुराग ठाकुर ने कहा कि आठ फरवरी के विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के सत्ता में आने पर शाहीन बाग से प्रदर्शनकारी हटा दिए जाएंगे।

गौरतलब है कि दिल्ली में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने “देश के गद्दारो को- गोली मारो सालो को” के नारे लगवाए थे। ठाकुर का यह वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले को लेकर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत की थी।

चुनाव आयोग ने अनुराग ठाकुर के चुनाव प्रचार करने पर एक सीमित अवधि के लिए पाबंदी लगा दी थी। इतना ही नहीं बजट सत्र के पहले ही दिन अनुराग ठाकुर को संसद में भी विरोध झेलना पड़ा था। विपक्षी दलों के सांसदों ने अनुराग ठाकुर के खिलाफ संसद में नारे लगाए थे।

वहीँ शाहीन बाग़ में हुयी फायरिंग की घटना के बाद इलाके में रेपिड एक्शन फ़ोर्स तैनात की गई है। इसके बावजूद मंगलवार को जामिया यूनिवर्सिटी के समक्ष भीड़ की शक्ल में हाथो में तिरंगा लेकर पहुंचे लोगों ने “जय श्री राम” और “देश के गद्दारो को – गोली मारो सालो को” के नारे लगाए।

जामिया में प्रदर्शन कर रहे छात्रों के मुताबिक “करीब 100-125 लोगों की भीड़ सुखदेव विहार की ओर से पुलिस की मौजूदगी में नारे लगाते हुए आईं। उन लोगों ने गेट नंबर- 1 पर रूककर ‘जय श्री राम और गोली मारो…’ के नारे लगाएं। भीड़ फिर नारे लगाते हुए सुखदेव विहार की ओर चली गई।”

इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस मूक दर्शक बनी रही और पुलिस ने भीड़ को जल्दी वहां से निकालने या नारे रुकवाने की कोशिश नहीं की। इस बीच छात्रों में यह खबर फैली तो छात्रों की तादाद बढ़ने लगी और गेट नंबर 7 पर छात्रों की भीड़ जमा हो गई। छात्रों ने बताया कि भीड़ कुछ देर तक नारे लगाती रही और बाद में भीड़ चली गई। छात्रों का आरोप है कि दिल्ली पुलिस पर यकीन नहीं किया जा सकता।

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TeamDigital