महबूबा, उमर के बाद शाह फैसल पर भी लगा पीएसए
नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ़्ती की नज़रबंदी के साथ ही उन पर पब्लिक सिक्योरिटी एक्ट (पीएसए) के तहत मुकदमा दर्ज किये जाने के बाद अब भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 2011 बैच के टॉपर और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के संस्थापक शाह फैसल पर भी पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) लगा दिया गया है।
शाह फैसल पर पीएसए क्यों लगाया गया है, अभी इसकी पुष्टि नहीं की गई है। आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आने वाले शाह फैसल जम्मू एंड कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट (जेकेपीएम) के अध्यक्ष हैं।
फैसल को पिछले साल अगस्त में दिल्ली एयरपोर्ट से हिरासत में लिया गया था। वह दिल्ली से इस्तांबुल जा रहे थे, जिसके बाद उन्हें दिल्ली से श्रीनगर लाया गया और उन्हें उनके घर में नजरबंद कर दिया गया।
जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के बाद फैसल को उनके एक ट्वीट की वजह से हिरासत में लिया गया था। शाह फैसल ने ट्वीट किया था, ‘राजनीतिक अधिकारों को फिर से पाने के लिए कश्मीर को लंबे, निरंतर और अहिंसक राजनीतिक आंदोलन की जरूरत है।’
गौरतलब है कि शाह फैसल ने सिविल सेवा परीक्षा (2010) में टॉप किया था और वे जम्मू-कश्मीर से थे। फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दिया था। अपने इस्तीफे के बाद शाह फैसल ने कश्मीर की जनता के लिए काम करने का इरादा जताते हुए जम्मू-कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट बनाया था।
क्या है जनसुरक्षा कानून (पीएसए):
जन सुरक्षा कानून (पीएसए) के तहत दो प्रावधान हैं-लोक व्यवस्था और राज्य की सुरक्षा को खतरा। पहले प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के छह महीने तक और दूसरे प्रावधान के तहत किसी व्यक्ति को बिना मुकदमे के दो साल तक हिरासत में रखा जा सकता है।