समीर वानखेड़े के मुश्किलें बढ़ीं, दलित संगठनों ने मोर्चा खोला, जाति प्रमाणपत्र पर सवाल

समीर वानखेड़े के मुश्किलें बढ़ीं, दलित संगठनों ने मोर्चा खोला, जाति प्रमाणपत्र पर सवाल

मुंबई। क्रूज़ ड्रग्स मामले में चर्चा में आये नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। एनसीपी नेता नवाब मलिक द्वारा समीर वानखेड़े पर नौकरी पाने के लिए फ़र्ज़ी जाति प्रमाणपत्र इस्तेमाल करने के आरोप के बाद अब दलित संगठनों ने भी समीर वानखेड़े के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

भीम आर्मी के राष्ट्रीय महासचिव अशोक कांबले ने बुधवार को मुंबई के माटुंगा स्थित जिला जात प्रमाणपत्र जांच समिति में शिकायत दर्ज कराई है कि समीर के कास्ट सर्टिफिकेट की जांच की जाए। संगठन का दावा है कि समीर के जाति प्रमाणपत्र जाली है, समीर ने एक दलित लड़के का हक मारा है।

इतना ही नहीं अशोक कांबले ने कहा कि समीर वानखेड़े द्वारा प्रयुक्त फ़र्ज़ी जाति प्रमाणपत्र के इस्तेमाल के खिलाफ भीम आर्मी सड़क पर उतर कर आंदोलन करेगी। अभी आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जा रही है।

वहीँ एक और दलित संगठन स्वाभिमानी रिपब्लिकन आर्मी ने भी समीर वानखेड़े पर आरक्षण पाने के लिए फर्जी दस्तावेज के इस्तेमाल का आरोप लगाते हुए जिला जाति जांच समिति के पास एक शिकायत दर्ज कराई है।

गौरतलब है कि एनसीपी नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मलिक द्वारा एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े का जन्म प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर शेयर किया गया था। नवाब मलिक ने आरोप लगाया कि समीर वानखेड़े जन्म से मुसलमान है और उनका जाति प्रमाणपत्र फ़र्ज़ी है।

इतना ही नहीं नवाब मलिक ने समीर वानखेड़े की पहली शादी (निकाह) का प्रमाणपत्र (निकाहनामा) भी सोशल मीडिया पर शेयर कर दाव किया कि समीर वानखेड़े विवाह के समय मुसलमान थे। नवाब मलिक का दावा है कि समीर वानखेड़े ने आरक्षण का लाभ लेने के लिए और नौकरी हासिल करने के लिए अपने फर्जीवाड़ा किया है।

हालांकि समीर वानखेड़े अभी हाल ही में दिल्ली में अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के दफ्तर पहुंचे थे। उन्होंने वहां अपना जाति प्रमाण पत्र, पहली पत्नी से हुए बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट और तलाक के कागजात सौंपे थे। अभी आयोग उन कागजों की जांच कर रहा है। वहीँ दूसरी तरफ एनसीपी नेता नवाब मलिक भी अपनी बात पर कायम हैं।

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TeamDigital