पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी को समर्थन देंगे अखिलेश
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलश यादव ने एलान किया है कि पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी त्रणमूल कांग्रेस को अपना समर्थन देगी।
अखिलेश यादव ने कहा कि हम आपसे (ममता बनर्जी) भी अपील करते हैं कि आप नफरत फैलाने वाली बीजेपी को हरायें। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी नफरत फैलाकर सत्ता में आई है।
सरकार बताये गरीबो को कब मिलेगी वैक्सीन:
अखिलेश यादव ने कोरोना वैक्सीन को लेकर भी सवाल दागे। उन्होंने कहा कि बीजेपी यह बताएं कि गरीबों को मुफ्त में वैक्सीन कब तक लगाई जाएगी। एक साल बाद समाजवादी सरकार बन रही है। हम सबको वैक्सीन मुफ्त में लगवाएंगे और हम भी लगाएंगे।
इससे पहले कल अखिलेश यादव ने एक बयान में आरोप लगाया था कि प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को आईसीयू में भर्ती करा दिया है।
योगी सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को आईसीयू में भर्ती कराया:
अखिलेश ने यहां एक बयान में कहा ‘प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं खुद बीमार हो गई हैं। गरीब का इलाज मंहगा तो हुआ ही, अस्पतालों में अव्यवस्था का शिकार भी वही बन रहा है।भाजपा सरकार ने जनता को बेहतर जिंदगी के साधन देने के बजाए प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं को ही आईसीयू में भर्ती कर दिया है।’
उन्होंने कहा ‘भाजपा को टीके पर दावा क्यों करना चाहिए? यह एक अत्यंत संवेदनशील मसला है। समाजवादी पार्टी का वैज्ञानिकों की दक्षता पर पूरा भरोसा है पर भाजपा की ताली-थाली वाली अवैज्ञानिक सोच एवं भाजपा सरकार की चिकित्सा व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। जनता में भरोसा हो इसके लिए सरकार को टीकाकरण में पारदर्शिता के साथ व्यवस्था की खामियां भी दूर करनी चाहिए।’
अखिलेश ने कहा ‘मथुरा जिला अस्पताल में बुजुर्ग महिला मरीज को स्ट्रेचर तक नहीं मिला। बेटा ठेले पर मां को लादकर अस्पताल पहुंचा। पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। अमेठी के जिला अस्पताल में तो महिला चिकित्सक ही नहीं है। वहां आने वाली बीमार और गर्भवती महिलाओं का कोई हाल पूछने वाला नहीं। किसी महिला को इलाज कराना हो तो उसे 30 किमी दूर जाना पड़ता है।’
उन्होंने कहा ‘भाजपा सरकार की गलत और प्राथमिकता रहित नीतियों के चलते स्वास्थ्य सेवाओं का चरमरा जाना स्वाभाविक है। तमाम अस्पतालों में चिकित्सकों और पैरामेडिकल स्टाफ के हजारों पद खाली पड़े हैं। ऐसी हालत में लखीमपुर खीरी के संपूर्णानगर और गौरीफंडा के स्वास्थ्य केंद्रों में फार्मेसिस्ट ही अस्पताल चला रहे हैं। ग्रामीण इलाकों में चिकित्सकों की अनुपस्थिति से झोलाछाप चिकित्सकों का धंधा फल फूल रहा है।’