वैक्सीन की किल्ल्त: सुप्रीमकोर्ट जाएगी राजस्थान सरकार
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में वैक्सीन की किल्ल्त के चलते वैक्सीनेशन सेंटर बंद करने पड़े हैं। इनमे महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली भी शामिल हैं। इस बीच राजस्थान सरकार ने फैसला किया है कि वह इस मामले को सुप्रीमकोर्ट लेकर जायेगी।
राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने फैसला किया है कि सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएं और वो भारत सरकार को दिशानिर्देश जारी करे कि आप ग्लोबल टेंडर करें खर्चा चाहे राज्य सरकारें देंगी।
उन्होंने वैक्सीन की अलग अलग कीमतों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि आज हमारे पास वैक्सीन नहीं है इसलिए वैक्सीनेशन रोक दिया है। कोवैक्सीन और कोविशील्ड 150 रुपये में भारत सरकार को दी जा रही है वो राज्यों को 300-400 में क्यों मिल रही है। देश में एक कीमत रहनी चाहिए। ग्लोबल टेंडर से खरीदें तो कीमत 4 गुनी और हो जाएगी।
वहीँ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि कोविन ऐप में जो रजिस्ट्रेशन नहीं करा रहे हैं उसे वे बोलते हैं कि वैक्सीन खराब हो गई है। हमारे यहां भारत सरकार के गाइडलाइन से कम वैक्सीन खराब हुई है। जिसमें 45 वर्ष से उपर में 0.6% और 18-44 वर्ष में लगभग 0.8% है। केंद्र की गाइडलाइन 1.6% से हमारा आधे से भी कम है।
कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा कि मैंने आज वैक्सीन की दूसरी डोज ली। जिन्होंने पहला डोज ले लिया है वे दूसरी डोज़ अवश्य लें, उनके लिए वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। कोरोना 5% से कम हो चुका है। जनजीवन सामान्य करने की कोशिश कर रहे हैं। कोरोना के नियमों का पालन करना बहुत ज़रूरी है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अब तक 45 साल से अधिक आयु के 14.85 करोड़ लोगों को कोरोना वैक्सीन की डोज़ दी गई है। 18-44 साल के बीच के लोगों को अब तक 1.39 करोड़ डोज़ दी जा चुकी हैं।
उन्होंने कहा कि देश में आज 2,83,000 रिकवरी दर्ज़ की गई हैं। 23 राज्य देश में ऐसे हैं जहां प्रतिदिन रिकवर मामलों की संख्या नए मामलों से ज्यादा है। रिकवरी रेट अब 90% हो गई है। पिछले 1 सप्ताह में प्रतिदिन 21,00,000 टेस्ट किए जा रहे हैं। पॉजिटिविटी रेट देश में 10.45% रह गई है।