राहुल का सरकार पर वार, कृषि कानूनों को लेकर संसद में कही ये बात
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कृषि कानूनों को लेकर आज मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला। गुरूवार को राहुल गांधी ने संसद में मोदी सरकार पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि इस देश को चार लोग चला रहे हैं। कृषि कानूनों को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि ये कानून हम दो हमारे दो के लिए लाये गए हैं।
उन्होंने कहा कि सालों पहले फैमिली प्लानिंग में नारा था- हम दो और हमारे दो। आज क्या हो रहा है, जैसे कोरोना दूसरे रूप में आता है, वैसे ही ये भी नए रूप पर आ रहा है। अब चार लोग चला रहे हैं, उनका नारा है हम दो, हमारे दो।
इस दौरान सत्ता पक्ष के सांसदों की तरफ से टोकाटाकी के बीच राहुल गांधी ने कहा कि ये हम दो हमारे दो कौन हैं, इनका नाम लेने की ज़रूरत नहीं है, सब जानते हैं किसके बारे में कहा जा रहा है।
राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कल आप्शन की बात कही थी, मैं आपको बताता हूं ये तीन आप्शन भुखमरी, बेरोजगारी और आत्महत्या। राहुल गांधी ने एक एक करके तीनो कृषि कानून के बारे में टिप्पणी की।
तीनो कृषि कानूनों को लेकर राहुल ने किया सरकार पर वार:
राहुल गांधी ने कहा कि पहले कानून की विषय वस्तु यह है कि देश में कहीं भी खाद्यान्न, फल और सब्जियों की असीमित खरीद हो सकती है। अगर देश में कहीं भी खरीद असीमित है तो मंडियों में कौन जाएगा, पहले कानून की सामग्री मंडियों को खत्म करना है।
उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि दूसरे कानून की सामग्री यह है कि बड़े व्यापारी जितना चाहें उतना अनाज, फल और सब्जियां स्टोर कर सकते हैं। वे जितना चाहें उतना होर्डिग लगा सकते हैं। दूसरे कानून की सामग्री आवश्यक वस्तु अधिनियम को समाप्त करना है। यह भारत में असीमित जमाखोरी करेगा।
राहुल गांधी कहा कि तीसरे कानून की सामग्री यह है कि जब कोई किसान अपनी फसलों की सही कीमत मांगने के लिए भारत के सबसे बड़े व्यापारी के सामने जाता है, तो उसे न्यायालय में जाने की अनुमति नहीं होगी।
राहुल गांधी ने कहा कि हम दो और हमारे दो इस देश को चलाएंगे। पहली बार हिंदुस्तान के किसानों को भूख से मरना पड़ेगा। ये देश रोजगार पैदा नहीं कर पाएगा। ये पहली कोशिश नहीं है। ये काम प्रधानमंत्री ने हम दो हमारे दो के लिए पहले नोटबंदी में शुरू किया था। पहली चोट नोटबंदी थी। तब ये मंशा थी कि नोट निकालो और हम दो हमारे दो की जेब में डालो।
सरकार ने किसान, मजदूर की और छोटे व्यापार की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है:
राहुल गांधी ने सरकार पर अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान जब गरीबों ने बस और ट्रेन का टिकट मांगा तो मना कर दिया। उन्होंने कहा कि तुम पैदल घर जाओगे।
राहुल गांधी ने आगे कहा कि पहले नोटबंदी, फिर जीएसटी और फिर कोरोना के समय उन्हीं 8-10 लोगों का कर्जा माफ कर दिया। हिंदुस्तान का रोजगार का भी सिस्टम है। स्मॉल और मीडियम इंडस्ट्री खत्म हो गई। आज नहीं, कल भी ये देश रोजगार नहीं पैदा कर पाएगा, क्योंकि आपने किसान, मजदूर की और छोटे व्यापार की रीढ़ की हड्डी तोड़ दी है।
इस दौरान लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने भी राहुल गांधी से आग्रह किया कि वे बजट को लेकर चर्चा करें। इस पर राहुल गांधी ने कहा कि वे विपक्ष पर भी बोलेंगे लेकिन वे अभी फाउंडेशन बना रहे हैं।
जब राहुल गांधी ने संसद में सरकार पर हमला बोलना शुरू किया तो बीजेपी के सदस्यों ने कई बार टोकाटाकी की लेकिन राहुल गांधी ने इस टोकाटाकी के बीच भी अपनी बात को जारी रखा।
सरकार को वापस लेने होंगे कृषि कानून:
राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर कहा कि यह किसानों का आंदोलन नहीं है, यह देश का आंदोलन है। किसान सिर्फ रास्ता दिखा रहा है। एक आवाज़ से पूरा देश ‘हम दो हमारे दो’ की सरकार के खिलाफ उठने जा रहा है। किसान एक इंच पीछे नहीं हटने वाला, किसान आपको हटा देगा। आपको क़ानून वापस लेना ही होगा।
राहुल गांधी का एजेंडा सरकार को बदनाम करना: केंद्रीय मंत्री
वहीँ राहुल गांधी के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री रतनलाल कटारिया ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि राहुल गांधी का एजेंडा है हमारी सरकार को बदनाम करना। प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में कह चुके हैं कि नए कृषि क़ानूनों में कोई कमी हैं तो हमें बताए। दुनिया मोदी जी के कामों की तारीफ कर रही है।