भारत जोड़ो यात्रा से राहुल ने अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की, 2024 में कांग्रेस की डबल होंगी सीटें: शत्रु
नई दिल्ली। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के जरिए अपनी नेतृत्व क्षमता साबित की है।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की 3,570 किलोमीटर लंबी भारत जोड़ो यात्रा कांग्रेस को 2024 के लोकसभा चुनावों में अपनी संख्या दोगुनी करने में मदद करेगी। बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने 52 सीटों पर जीत हासिल की थी।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई को दिए इंटरव्यू में शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि “भारत जोड़ो यात्रा को बहुत अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। राहुल गांधी का करिश्मा काम करने लगा है और उन्हें लोगों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है। मुझे लगता है कि गांधी की यात्रा अगले लोकसभा चुनाव में संसद में कांग्रेस की संख्या दोगुनी करने में मदद करेगी।”
भारत जोड़ो यात्रा को लेकर पूछे गए सवाल के जबाव में सिन्हा ने कहा कि “यह एक सही अर्थों में एक ‘यात्रा’ है क्योंकि राहुल गांधी भाजपा नेताओं द्वारा ‘रथ यात्राओं’ के विपरीत चल रहे हैं। उनके समर्थन में लाखों लोग सामने आ रहे हैं।”
शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा से अपनी नेतृत्व क्षमताओं को साबित किया है और लोगों ने उन्हें एक नेता के रूप में स्वीकार किया है। सिन्हा ने कहा कि जिन्होंने राहुल गांधी का ‘पप्पू’ के रूप में उनका मजाक उड़ाया और उन्हें गंभीरता से नहीं लिया, वे अब गलत साबित हुए हैं।’
आसनसोल से सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि ‘अभी भी कुछ भाजपा नेता राहुल गांधी का मजाक उड़ा रहे हैं, लेकिन अगर उनके पेट में आग है तो उन्हें भी इसी तरह की यात्रा पैदल करनी चाहिए। राहुल गांधी का जादू अगले चुनावों में काम करेगा, मुझे लगता है और मैं चाहता हूं कि यह हो।’
गुजरात चुनावों पर बोलते हुए, टीएमसी नेता ने कहा कि “संभव है कि गुजरात में केजरीवाल किंगमेकर के रूप में उभरेंगे। नोटों पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के फोटो की मांग कर केजरीवाल ने मास्टरस्ट्रोक खेला है। गुजरात में भगवा खेमे में मंथन चल रहा है। भाजपा हर बार हिंदुत्व या राम मंदिर के मुद्दे को कैश नहीं कर सकती।
केजरीवाल ने उसी सिक्के से भाजपा को जवाब दिया है। भाजपा ऐसे काम करती थी जैसे वे ‘राजनीति के हिंदुत्व स्कूल’ के मास्टर हों, लेकिन केजरीवाल अब उस स्कूल के हेडमास्टर हैं। भाजपा न तो इसे निगल सकती है और न ही त्याग सकती है।