शिवसेना ने कहा ‘विपक्ष को एकजुट करने में शरद पवार के साथ आएं राहुल’

शिवसेना ने कहा ‘विपक्ष को एकजुट करने में शरद पवार के साथ आएं राहुल’

मुंबई। वर्ष 2024 के आम चुनाव से पहले बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों के महागठबंधन बनाये जाने के अभी से प्रयास शुरू हो गए हैं। 2024 के चुनाव में बीजेपी को सत्ता से बाहर करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार ने पिछले दिनों चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के साथ भी बैठक की थी। इसके बाद टीएमसी में शामिल हो चुके पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने शरद पवार के आवास पर विपक्षी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई थी।

अब शिव सेना ने कहा है कि 2024 के आम चुनाव के लिए विपक्ष का गठबंधन तैयार करने के लिए पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार का साथ देना चाहिए।

शिवसेना के मुखपत्र सामना के संपादकीय में 2024 के चुनाव के लिए विपक्षी दलों की एकता का मामला उठाते हुए कहा गया है कि एनसीपी नेता शरद पवार के आवास पर राष्ट्रीय मंच के संयोजक यशवंत सिन्हा द्वारा विपक्षी दलों की बैठक बुलाये जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाव-भाव बदल गए हैं।

संपादकीय में शरद पवार के आवास पर हुई विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस के शामिल न होने पर सवाल उठाते हुए कहा गया है कि विपक्ष को एकजुट करने के शरद पवार के प्रयास में राहुल गांधी जैसे कांग्रेस के प्रमुख नेता को शामिल होना चाहिए। तभी विरोधी दल की एकत्रित शक्ति को वास्तविक बल प्राप्त हो सकेगा।

संपादकीय में राहुल गांधी द्वारा बीजेपी और पीएम मोदी पर किये गए हाल के हमलो को लेकर कहा गया है कि ये सच है कि राहुल गांधी मोदी की कार्यशैली पर, उनकी गलतियों पर हमला करते हैं लेकिन वह ‘ट्विटर’ के मैदान में। ट्विटर प्रकरण भारी पड़ रहा है, ये संज्ञान में आते ही केंद्र सरकार ने उस ट्विटर की गर्दन मरोड़नी शुरू कर दी। प्रधानमंत्री मोदी के हाव-भाव अब बदले हुए नजर आते हैं तथा देश की समग्र स्थिति ठीक न होकर अपने नियंत्रण में नहीं रही, यह उनके हाव-भाव से दिखता है।

संपादकीय में यूपीए को लेकर कहा गया है कि ‘यूपीए’ नामक संगठन है, परंतु देश में सशक्त, संगठित विपक्ष है क्या? यह सवाल जस का तस ही है। पवार के घर ‘राष्ट्रमंच’ का चाय-पान हुआ। उसके माध्यम से विपक्ष निश्चित तौर पर कहां है?

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