राहुल गांधी ने की पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की वकालत, कहा, “पार्टी के अंदर चुनाव महत्वपूर्ण”

राहुल गांधी ने की पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की वकालत, कहा, “पार्टी के अंदर चुनाव महत्वपूर्ण”

नई दिल्ली। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के अंदर लोकतंत्र की वकालत करते हुए बड़ा बयान दिया है। राहुल गांधी ने कहा कि मैं पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र का पक्षधर हूं।

मंगलवार को कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के कार्यक्रम में प्रोफेसर कौशिक बसु के साथ बातचीत में राहुल गांधी ने कई अहम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी। उन्होंने कहा, “मैं वो व्यक्ति हूं जिसने युवा संगठन और छात्र संगठन में चुनाव को आगे बढ़ाया, लेकिन मुझ पर मेरी ही पार्टी के लोगों ने हमला किया था।”

इतना ही नहीं राहुल गांधी ने पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र की वकालत करते हुए कहा, “मैं वो पहला व्यक्ति हूं जो कहता है कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक चुनाव बिल्कुल महत्वपूर्ण है, लेकिन मेरे लिए ये दिलचस्प है कि ये सवाल किसी अन्य राजनीतिक दल से नहीं पूछा जाता है। किसी ने भी बीजेपी, बीएसपी और समाजवादी पार्टी से नहीं पूछा कि वहां कोई आंतरिक लोकतंत्र क्यों नहीं है। लेकिन वो कांग्रेस के बारे में पूछते हैं, क्योंकि हम एक वैचारिक पार्टी हैं और हमारी विचारधारा संविधान की विचारधारा है इसलिए हमारे लिए लोकतांत्रिक होना अधिक महत्वपूर्ण है।”

कांग्रेस नेता ने कहा कि मणिपुर के सांसदों का कहना है कि वहां राज्यपाल अपना काम नहीं करती हैं। वो सोचती है कि वो एक वैचारिक पद रखती है, संवैधानिक नहीं। पुडुचेरी के उपराज्यपाल लोकतांत्रिक प्रक्रिया को खुले तौर पर प्रभावित करती हैं और बिलों को पास नहीं होने देती क्योंकि वो आरएसएस से संबंधित है।

राहुल गांधी ने अपने बेबाक राय रखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के शासनकाल में लगाई गई इमरजेंसी का ज़िक्र करते हुए कहा कि आपातकाल में जो हुआ वो गलत था और अब जो हो रहा है उसके बीच एक बुनियादी अंतर है। बिना किसी प्वाइंट के कांग्रेस पार्टी ने भारत के संवैधानिक ढांचे पर कब्जा करने का प्रयास किया। आरएसएस कुछ अलग कर रहा है। वो अपने लोगों से संस्थानों को भर रहे हैं। अगर हम चुनाव में बीजेपी को हराते हैं, तो भी हम संस्थागत ढांचे में अपने लोगों से छुटकारा पाने वाले नहीं हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि हमारे लिए कांग्रेस का मतलब आजादी के लिए लड़ने वाली संस्था; जिसने भारत को संविधान दिया है। हमारे लिए लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रियाएं बरकरार रखना महत्वपूर्ण है।

उन्होंने कहा कि हमें संसद में बोलने की अनुमति नहीं है; न्यायपालिका से उम्मीद नहीं है; आरएसएस-भाजपा के पास बेतहाशा आर्थिक ताकत है; व्यवसायों को विपक्ष के पक्ष में खड़े होने की इजाजत नहीं है। लोकतांत्रिक अवधारणा पर ये सोचा-समझा हमला है।

राहुल गांधी ने कहा कि आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाएं इसलिए प्रभावी हैं, क्योंकि उनके पास स्वतंत्र संस्थाएं हैं। लेकिन, भारत में उस स्वतंत्रता पर हमला किया जा रहा है।

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