जामिया के प्रदर्शनकारियों पर फिर लाठी चार्ज, कई ज़ख़्मी
नई दिल्ली। नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी के खिलाफ आज जामिया कोर्डिनेशन कमेटी द्वारा आयोजित जामिया से संसद तक मार्च को सुरक्षा बलों ने होली फेमिली अस्पताल के पास ही रोक लिया।
इस दौरान पुलिस के आला अधिकारियो ने संसद मार्च की ज़िद्द पर अड़े प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की लेकिन यह कोशिश विफल रही। प्रदर्शनकारी संसद मार्च की ज़िद्द पर अड़े रहे और वापस जाने को तैयार नहीं हुए।
दिल्ली पुलिस के डीसीपी दक्षिण पूर्व, आर.पी. मीणा ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से कहा कि जामिया पर 6 बाहरी कंपनियों को यहां पर तैनात किया है और दक्षिण पूर्वी पुलिस को भी यहां तैनात किया गया है। इनको संसद तक जाने की अनुमति नहीं है, इसलिए इन्हें यहीं रोका जाएगा।
जामिया के छात्रों द्वारा वापस न जाने और बेरिकेटिंग लांगने की कोशिशो के बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठी चार्ज किया। इस लाठी चार्ज में कई छात्र छात्राएं घायल हुए हैं।
प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि पुलिस ने एक बार फिर बर्बरता दिखा कर हमारे आंदोलन को कुचलने की कोशिश की है। छात्रों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने शांतिपूर्ण मार्च में खुद ही हिंसा की है।
खबर लिखे जाने तक करीब 30 छात्र छात्राओं को प्राथमिक चिकित्सा के बाद छुट्टी दे दी गयी। वहीँ लाठी चार्ज में घायल हुए कई अन्य छात्र छात्राओं को उपचार दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि जामिया कोर्डिनेशन कमेटी ने आज जामिया से संसद तक का मार्च निकालने का एलान किया था। इस मार्च में जामिया के छात्र छात्राओं के अलावा शाहीन बाग़ के प्रदर्शनकारियों ने भी हिस्सा लिया था।