चीन पर पीएम मोदी की ख़ामोशी, कांग्रेस ने कहा, “वीर सेना-कायर राजा”

चीन पर पीएम मोदी की ख़ामोशी, कांग्रेस ने कहा, “वीर सेना-कायर राजा”

नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर चीन से लगी सीमा पर स्थिति पर संसद में बहस से भागने का आरोप लगाया और कहा कि चीन के मुद्दे पर रक्षा मंत्री को नहीं बल्कि खुद पीएम मोदी को जबाव देना चाहिए।

अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना के जवानों की झड़प के कुछ दिनों बाद सरकार पर हमला बोलते हुए कांग्रेस ने कहा कि यह जानना ज़रूरी है कि पीएम मोदी चीन शब्द का उच्चारण तक नहीं करते।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “प्रधानमंत्री ने चीन को यह कहकर क्लीन चिट दे दी है कि कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं आया है और कोई भी हमारे क्षेत्र में नहीं है। इस क्लीन चिट के कारण हमारी सौदेबाजी की स्थिति कम हो गई है।”

उन्होंने कहा कि चीन के मुद्दे पर संसद में बहस होनी चाहिए और प्रधानमंत्री को स्वयं इस मुद्दे पर जवाब देना चाहिए और विपक्ष से चर्चा करनी चाहिए। जयराम रमेश ने कहा कि चीन के मुद्दे लोकसभा और राज्यसभा में बहस होनी चाहिए और सीमा पर जो कुछ हुआ उस पर जवाब प्रधानमंत्री को देना चाहिए न कि रक्षा मंत्री या विदेश मंत्री को।

जयराम रमेश ने कहा कि अहम मुद्दों पर पहले देश के कई पूर्व प्रधानमंत्रियों ने भी संसद में जवाब दिया है। वह पहले प्रधानमंत्री हैं जो बहस से भाग रहे हैं और हैरानी की बात यह है कि वे चीन शब्द का उच्चारण तक नहीं करते।

वीर सेना-कायर राजा: पवन खेड़ा

वहीँ जयपुर में एक संवाददाता सम्मेलन में चीन मुद्दे पर अपनी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी पर भाजपा के हमले के बारे में पूछे जाने पर, पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि “कांग्रेस के पूर्व प्रमुख ने “केवल इस बात को उजागर किया था कि सरकार ने सशस्त्र बलों के हाथ बांध दिए हैं जो वीरता से भरे हुए हैं।”

पवन खेड़ा ने आरोप लगाया, ”वीर सेना, कायर राजा” देश की यही कहानी है। खेड़ा ने कहा कि सरकार को जवाब देना चाहिए कि यूपीए द्वारा पश्चिम बंगाल में अपना पहला डिवीजन स्थापित करने के बाद माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स को ठंडे बस्ते में क्यों डाल दिया गया।

खेड़ा ने आरोप लगाया कि माउंटेन स्ट्राइक कोर का दूसरा डिवीजन जो पठानकोट में बनना था, वह इसलिए नहीं बन पाया क्योंकि यूपीए शासन के बाद एक “चीन-प्रेमी” प्रधानमंत्री सत्ता में आये थे।

उन्होंने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के नेता चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के साथ प्रशिक्षण के लिए अतीत में चीन की यात्रा कर चुके हैं। उन्होंने पूछा कि विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन जैसे संगठन, जिनके साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल जुड़े हुए थे, चीन के साथ क्या संबंध रखते हैं।

उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि जिस थिंक टैंक की एक इकाई का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर के बेटे कर रहे हैं, उसे चीनी दूतावास से तीन बार चंदा मिला।

गौरतलब है कि भाजपा कांग्रेस पर चीन के साथ घनिष्ठ संबंध होने का आरोप लगाती रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले हफ्ते कहा था कि राजीव गांधी फाउंडेशन (आरजीएफ) का एफसीआरए पंजीकरण इसलिए रद्द कर दिया गया क्योंकि उसे कथित तौर पर चीनी दूतावास से 1.35 करोड़ रुपये मिले थे।

खेड़ा ने चीन की तुलना में भारत की सुरक्षा को मजबूत करने में पिछली कांग्रेस सरकारों की उपलब्धियों को भी गिनाया। सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (बीएडीपी) 1986-87 में राजीव गांधी के प्रधानमंत्रित्व काल में सातवीं पंचवर्षीय योजना का हिस्सा था, उन्होंने कहा, यूपीए सरकार के तहत 2,000 किमी ट्रांस-अरुणाचल राजमार्ग शुरू किया गया था।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital