प्रेस कांफ्रेंस में पवार और उद्धव ने बीजेपी को चेताया, कहा, ‘विधानसभा में गिरेगी फडणवीस सरकार’
मुंबई। महाराष्ट्र में रातो रात हुई राजनीतिक उठापटक कर बनी सरकार के बाद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित किया।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए हमारे पास पर्याप्त संख्या थी। शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों के अलावा कई निर्दलीय विधायक भी समर्थन के लिए तैयार थे। पवार ने कहा कि हमारे पास करीब 170 विधायकों की संख्या थी।
उन्होंने कहा कि अजीत पवार ने जो कुछ किया वह न सिर्फ पार्टी लाइन के खिलाफ है अनुशासनहीनता भी है। इस पर पार्टी के नियमो के तहत कार्रवाही की जायेगी।
शरद पवार ने कहा कि एनसीपी का कोई भी कार्यकर्त्ता बीजेपी के साथ सरकार बनाने के पक्ष में नहीं है। उन्होंने कहा कि जो विधायक अजीत पवार के साथ बीजेपी की सरकार का समर्थन करेंगे, उनकी एंटी डिटेंशन लॉ के तहत सदस्य्ता जाना तय है।
शरद पवार ने कहा कि मुझे पक्का यकीन है कि नई सरकार को विधानसभा में बहुमत साबित करने का समय तय किया गया होगा लेकिन वह बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। जिसके बाद हमारी तीन पार्टियां (शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस) मिलकर राज्य में सरकार बनाएगी।
शरद पवार ने कहा कि एनसीपी विधायकों की बैठक में विधायकों की उपस्थिति दर्ज करने के लिए जिस कागज पर उनके हस्ताक्षर कराये गए थे, मुझे लगता है वही हस्ताक्षर राज्यपाल को सौंपे गए हैं।
उन्होंने कहा कि चूँकि अजीत पवार नेता विधायक दल थे, इसलिए विधायकों के हस्ताक्षर वाला कागज उन्ही के पास था। पवार ने कहा कि आज शाम 04 बजे एनसीपी विधायक दल की बैठक में पार्टी का नया नेता चुना जाएगा।
शरद पवार ने कहा कि मुझे नहीं पता कि अजीत पवार को किसी जांच एजेंसी के भय के चलते ऐसा काम किया है। मेरी जानकारी के मुताबिक शपथ ग्रहण के दौरान 10-11 विधायक राजभवन पहुंचे थे। उनमे से तीन विधायक वापस आ गए हैं और यहाँ बैठे हैं।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि पहले ईवीएम का खेल चल रहा था, और अब ये नया खेल खेला गया है। अब इस खेल के बाद मुझे लगता है कि चुनाव करने की कोई आवश्यकता नहीं बची है। उन्होंने कहा कि हर कोई जानता है कि छत्रपति शिवाजी ने क्या क्या था जब उन्हें धोखा दिया गया और पीठ पर हमला किया गया। उन्होंने कहा कि उन्हें शिवसेना को तोड़ने की कोशिश करने दीजिये, महाराष्ट्र शांति से नहीं सोता रहेगा।