ओवैसी ने नीतीश को दिया संदेश, “देशहित में छोड़ दें बीजेपी का साथ”
नई दिल्ली। आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील की है कि वे देशहित में बीजेपी का साथ छोड़ दें।
बिहार के किशनगंज में एक रैली को संबोधित करते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि नीतीश कुमार ने राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है। उन्हें चाहिए कि वे देशहित में भारतीय जनता पार्टी का साथ छोड़ दें।
ओवैसी ने कहा कि यदि ओवैसी बीजेपी का साथ छोड़ देते हैं तो हम उनके साथ आने को तैयार खड़े हैं। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ेंगे तो उनका मुकाम और बड़ा हो जायेगा।
वहीँ दूसरी तरफ जनता दल यूनाइटेड के उपाध्यक्ष और चुनाव विशेषज्ञ प्रशांत किशोर ने कहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में जनता दल यूनाइटेड और अधिक सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए।
न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में प्रशांत किशोर ने कहा कि नीतीश कुमार बिहार का चेहरा है, 2004 से बिहार में जनता दल यूनाइटेड सबसे अधिक सीटों वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि 2004 और 2009 के चुनाव में जनता दल यूनाइटेड ने बिहार में बीजेपी से अधिक सीटें जीती हैं।
नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर जनता दल यूनाइटेड का दृष्टिकोण रखते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि जनता दल यूनाइटेड का स्टेण्ड बिलकुल साफ़ है।
उन्होंने कहा कि पार्लियामेंट्री स्टेंडिंग कमेटी में जनता दल यूनाइटेड का डिसेंट नोट चेक करें, किन कारणों से जनता दल यूनाइटेड ने संसद के दोनों सदनों में नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन किया है, ये सिर्फ नीतीश कुमार ही बता सकते हैं।
वहीँ न्यूज़ एजेंसी एएनआई को दिए एक इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने नागरिकता कानून पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी की ख़ामोशी को लेकर सवाल उठाये हैं। उन्होंने गृहमंत्री अमित शाह के बयान को लेकर भी सवाल उठाये।
उन्होंने कहा कि “कांग्रेस अध्यक्ष या कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) को कांग्रेस शासित राज्यों के सभी मुख्यमंत्रियों को यह कहना चाहिए कि वे अपने राज्यों में एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे”
प्रशांत किशोर ने कहा कि ‘मेरा सवाल और चिंता का विषय यह है कि कांग्रेस अध्यक्ष आधिकारिक रूप से यह क्यों नहीं कह रही हैं कि कांग्रेस शासित राज्यों में एनआरसी लागू करने की अनुमति नहीं होगी?’
उन्होंने कहा, ’10 से अधिक मुख्यमंत्रियों जिसमें कांग्रेस भी शामिल है उन्होंने कहा है कि वे अपने राज्यों में एनआरसी लागू करने की अनुमति नहीं देंगे। अन्य क्षेत्रीय दलों जैसे नीतीश कुमार, नवीन बाबू, ममता दीदी या जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व में मुख्यमंत्री पार्टियों के प्रमुख के रूप में कार्य कर रहे हैं। कांग्रेस के मामले में मुख्यमंत्री निर्णयकर्ता नहीं हैं और सीडब्ल्यूसी निर्णय लेने वाली सर्वोच्च संस्था है।’