नोटबंदी के 6 साल: विपक्ष ने मोदी सरकार को घेरा, नोटबंदी के फैसले पर श्वेत पत्र लाने की मांग
नई दिल्ली। नोट बंदी के 6 साल पूरे होने पर आज विपक्ष ने एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा और नोट बंदी के फैसले पर सवाल खड़े किया। विपक्ष ने मांग की कि मोदी सरकार नोट बंदी के अपने फैसले पर श्वेत पत्र जारी करे।
कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने ट्वीट कर कहा, “संगठित लूट और कानूनी लूट के 6 साल। उन 150 लोगों को श्रद्धांजलि, जिन्होंने #नोटबंदी आपदा के कारण अपनी जान गंवाई। जैसा कि हम इस महाकाव्य विफलता के 6 वर्षों का निरीक्षण करते हैं, यह याद दिलाना महत्वपूर्ण है कि प्रधानमंत्री ने उस गैर-कल्पित आपदा के बारे में जो उन्होंने देश पर थोपी है।”
वहीँ तृणमूल कांग्रेस के नेता और राज्य सभा सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा, “6 साल पहले, आज एक नौटंकी जो एक आर्थिक नरसंहार #demonetisation निकली। इस बारे में 2017 #InsideParliament में मेरी किताब में लिखा था।”
उन्होंने ट्वीट कर कहा कि “पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने फैसले को वापस लेने का आह्वान किया था। “@MamataOfficial ने घोषणा के कुछ मिनट बाद इसे पहले ‘इस कठोर निर्णय को वापस लें’ कहा। अन्य सहमत हुए, लेकिन केवल सप्ताह बाद।”
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता सीताराम येचुरी ने नोट बंदी की याद करते हुए ट्वीट कर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मोदी और उनकी सरकार के अहंकार की छठी वर्षगांठ, भारतीय अर्थव्यवस्था को मार रही है। विमुद्रीकरण के परिणामस्वरूप परिसंचरण में रिकॉर्ड उच्च नकदी के अलावा अराजकता हुई है। ?30.88 लाख करोड़! सबसे सभी के लिए खराब जुमला था – ‘यह पीड़ा केवल 50 दिन के लिए है’।”
वहीँ भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के नेता बिनॉय विश्वम ने सरकार पर निशाना साधते हुए ट्वीट किया, “अब उन वादों का जायजा लेने का समय आ गया है। पीएम से अनुरोध है कि वे नोटबंदी पर एक श्वेत पत्र पेश करें।”
याद दिला दें कि 8 नवंबर 2016 को देश में पांच सौ और एक हज़ार के पुराने नोटों को चलन से बाहर कर दिया गया था। पीएम नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे अचानक ही राष्ट्र के नाम सन्देश में नोट बंदी लागू करने का एलान किया था।